10 साल के बेटे ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि, ‘‘रिगजिन अमर रहे’’ के नारों से गूंजी स्पीति घाटी

Friday, Sep 21, 2018 - 07:56 PM (IST)

मनाली: जनजातीय क्षेत्र स्पीति के शेर दिल जांबाज शहीद सूबेदार रिगजिन दोरजे का बोद्ध धर्म के रीति-रिवाज अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। 10 साल के बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। पंचतत्व में विलीन होने से पहले सूबेदार रिगजिन को श्रद्धांजलि देने स्पीति घाटी के हजारों लोग चिचम पहुंचे थे। ए.डी.सी. काजा विक्रम नेगी की अध्यक्षता में राजकीय सम्मान के साथ शहीद रिगजिन को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान ‘‘रिगजिन अमर रहे’’ के नारों से पूरी स्पीति घाटी गूंज उठी। इससे पहले जांबाज रिगजिन की पार्थिव देह लेह से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से स्पीति के काजा हैलीपैड पहुंचाई गई, जहां से हजारों लोगों की मौजूदगी में सेना के वाहन द्वारा पार्थिव शरीर उनके गांव चिचम पहुंचाया गया। 

ग्लेशियर की चपेट में आने से हुई थी मौत
बता दें कि  3 दिन पहले लेह-लद्दाख के साढ़े 23 हजार फुट ऊंची नून पीक पर ग्लेशियर की चपेट में आने से सूबेदार रिगजिन की मौत हो गई थी। एक्सपीडिशन में जाने से एक महीना पहले रिगजिन घर आए थे। ग्रामीणों फुंचोग ओर टशी ने बताया कि उनके दाह संस्कार में स्पीति घाटी के हजारों लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। ए.डी.सी. काजा विक्रम नेगी ने बताया कि स्पीति के जांबाज रिगजिन को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा, पूर्व विधायक रवि ठाकुर, रघुवीर ठाकुर और पूर्व मंत्री फुंचोग राय ने दिवंगत आत्मा की शांति को प्रार्थना की और परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

कलजंग पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
जांबाज रिगजिन की पत्नी कलजंग पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। नन्हे बच्चे भी बाप के प्यार से वंचित हो गए। पति को अंतिम विदाई हालांकि कलजंग ने हिम्मत के साथ दी लेकिन विदाई के बाद कलजंग हिम्मत तोड़ गई। हरेक आंख से निकले आंसू को देख कर चिचम गांव भी रो पड़ा। रिगजिन के शहीद होने की खबर के बाद चिचम में पिछले 3 दिनों से घरों में चूल्हा नहीं जला। वहीं के.जी. में पढऩे वाली गुडिय़ा इन सब बातों से अनजान अपनी मां को रोता देख रो पड़ी। बहरहाल बेटे के खो देने से चिचम गांव गमगीन है जबकि स्पीति की समस्त घाटी शोक में डूबी हुई है।

Vijay