10 मिनट का था काम, 14 घंटों तक लोग हुए परेशान

Friday, Feb 15, 2019 - 04:16 PM (IST)

तुन्नुहट्टी: 10 मिनट के काम के लिए लोगों को 14 घंटे तक परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। हैरानी की बात है कि लोगों को समय पर राहत पहुंचाने में संबंधित विभाग ने कोई रुचि नहीं दिखाई। यह बात चम्बा-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर घंटों तक कड़ाके की ठंड के बीच वाहनों में बैठी सवारियों के मुंह से सुनने को मिल रही थी। यह स्थिति उस समय पेश आई जब बुधवार की रात करीब 9 बजे सीमैंट से भरा एक ट्रक तुन्नुहट्टी के पास सड़क पर लुढ़क गया। इस वजह से जिला चम्बा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इस सड़क मार्ग के दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई।

जे.सी.बी. ने महज 10 मिनट के बीच सड़क से हटा दिया ट्रक

रात 9 बजे से बंद यह सड़क सुबह उस समय वाहनों के लिए खुली जब लोक निर्माण विभाग की एक जे.सी.बी. ने सुबह करीब 11 बजे महज 10 मिनट के बीच सड़क के बीचोंबीच पड़े ट्रक को किनारे कर इसे खोल दिया। रात के समय चम्बा-पठानकोट के बीच जिला मुख्यालय से चलने वाली और चम्बा के लिए लंबे रूट से देर रात को जिला मुख्यालय पहुंचने वाली सभी निगम की बसें उक्त स्थल पर फंस गईं। यही नहीं, चम्बा से पठानकोट जाने वाले व पठानकोट से चम्बा को आने वाले छोटे वाहन भी सड़क के बीचोंबीच ट्रक के पड़े होने के चलते रास्ते में रुके रहे। चम्बा से शाम को पठानकोट के लिए जाने वाले निजी वाहनों ने तो ककीरा मार्ग की ओर रुख करने में ही समझदारी दिखाई।

मुंबई से आए विद्यार्थी हुए परेशान

मुंबई के एक संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं का एक दल पिछले दिनों डल्हौजी घूमने आया हुआ था। बुधवार की रात को वे वापस लौट रहे थे तो उन्हें इस दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा। उनका कहना था कि हैरानी की बात है कि लोगों को परेशानी में इस प्रकार से छोड़ दिया जाता है, यह बात अपने आप में चौंकाने वाली है। उन्होंने कहा कि अगर यह मार्ग एक घंटे और देरी से खुलता तो उनकी मुंबई की उड़ान मिस हो जाती।

चेन्नई के पर्यटकों की छूट गई ट्रेन

चेन्नई के पर्यटक भी इस अव्यवस्था से रू-ब-रू होकर हैरान व परेशान थे। चेन्नई के पी.भास्कर, वी.बालाजी और के.राजेश का कहना था कि वीरवार सुबह चेन्नई जाने के लिए हमारी ट्रेन पठानकोट से सुबह जानी थी लेकिन रास्ता बंद होने की वजह से उनकी ट्रेन छूट गई। अब वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ वीरवार को पठानकोट में रुकने के लिए मजबूर होंगे। अब वे शुक्रवार को अपनी ट्रेन पकड़ सकते हैं।

कड़ाके की ठंड में ठिठुरने को मजबूर हुए लोग

रात 9 बजे के बाद चम्बा-पठानकोट के बीच यातायात बाधित होने की वजह से यात्रियों को कड़ाके की ठंड के चलते बसों व अपनी गाडिय़ों में ही ठिठुरते हुए रात काटने के लिए मजबूर होना पड़ा। तीसा के कर्म चंद, जोङ्क्षगद्र, कमल कुमार, हरी सिंह, शुभानदीन व अरबाज खान आदि का कहना था कि वे सुबह 5 बजे से यहां पर फंसे हुए हैं। हैरानी की बात है कि परेशान जनता है तो विभाग के अधिकारी चैन की नींद सोये हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस कार्य को 10 मिनट में अंजाम दिया गया, उसके लिए लोगों को घंटों तक इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनका कहना था कि रास्ता खुलने के इंतजार में बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हुई। उनका कहना था कि जब भी रास्ता बंद होता है, हर बार ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें भूखे-प्यासे रहते हुए घंटों इस मार्ग के खुलने का इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

स्कूली बच्चे भी हुए परेशान

मुख्य मार्ग के बंद होने की वजह से क्षेत्र के उन बच्चों को भी भारी परेशानी हुई, जोकि अपने क्षेत्र के स्कूलों की दूरी को वाहनों के माध्यम से तय करते हैं। इस क्षेत्र के कुछ बच्चे तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए पड़ोसी राज्य पंजाब जाते हैं, लेकिन मार्ग बंद होने से वे भी आज अपने संस्थान नहीं जा सके।

जिला मुख्यालय की खेप रुकी रही

पठानकोट से हर दिन दूध, दही व सब्जियां लेकर जो वाहन आते हैं, वे भी आज जिला मुख्यालय व अन्य क्षेत्रों में अपने निर्धारित समय से कई घंटे लेट पहुंचे। रास्ता बंद होने के चलते सभी मालवाहक वाहन कतार में खड़े रहे और यह कतार बेहद लंबी देखने को मिली। यानी इस व्यवस्था ने न सिर्फ लोगों को परेशान करने का काम किया, बल्कि उसने जिला के जनजीवन पर भी असर डालने का काम किया।

क्या बोले डी.सी. चम्बा
डी.सी. चम्बा  हरिकेश मीणा ने कहा कि यह बात सही है कि ट्रक गिरने के यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई, लेकिन इस कार्य को अंजाम देने में देरी किस वजह से हुई, इसका पता किया जाएगा और भविष्य में इस प्रकार की लोगों को परेशानी न आए, इससे संबंधित कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे।

Vijay