सावधान रहिए, कांगड़ा में मौत बनकर घूम रहे हैं 10,000 आवारा कुत्ते

Friday, Nov 23, 2018 - 11:31 AM (IST)

धर्मशाला : पंचायतों का सहयोग न मिल पाने के कारण आवारा कुत्तों के नसबंदी कार्यक्रम में गति नहीं मिल पाती है। यदि पंचायतें सहयोग करें तो आवारा कुत्तों की नसबंदी कार्यक्रम में तेजी आ सकती है। जिला भर में लगभग 10 हजार आवारा कुत्ते घूम रहे हैं जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा आवारा कुत्तों के टीकाकरण के लिए वैटर्नरी अस्पतालों में अभियान चलाया जाता है लेकिन इन अभियानों में आवारा कुत्तों की संख्या बहुत कम होती है जिनका टीकाकरण किया जाता है।

पशुपालन विभाग की मानें तो पंचायतों से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल पाता है, जिसके चलते उनके टीकाकरण अभियान में कुत्तों की संख्या कम रहती है। पशुपालन विभाग की मानें तो पंचायतें यदि आवारा कुत्तों को पकड़ने में सहायता दें तो नसबंदी कार्यक्रम को ठीक ढंग से अमलीजामा पहना सकते हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक कुत्ते का जब टीकाकरण किया जाता है तो उसके 3 दिन तक उक्त कुत्ते की देखभाल करनी पड़ती है।

kirti