नौनिहालों की जिंदगी चल रही रामभरोसे, स्कूल मालिक कूट रहे हैं चांदी

punjabkesari.in Saturday, Oct 08, 2016 - 12:34 PM (IST)

धनेटा: हमीरपुर के निजी स्कूलों के वाहनों में ढोए जा रहे अनमोल नौनिहालों की जिंदगियां रामभरोसे चल रही हैं। हैरानी की बात है कि ऐसे कई निजी स्कूलों के वाहनों को पास करते समय इनके टायर तक नहीं देखे जाते और ऐसे कमजोर टायरों पर दौड़ रही अनमोल नौनिहालों की जिंदगियां रामभरोसे चल रही हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार सुबह देखने को मिला जब धनेटा-नादौन सड़क पर एक स्कूल वाहन का अगला टायर कमजोर होने के कारण अचानक फट गया और वाहन को सड़क के मध्य ही छोड़कर चालक ने एक घंटे बाद कहीं से टायर की व्यवस्था करके इसमें सवार विद्यार्थियों को स्कूल पहुंचाया। 


हैरानी की बात है कि इस स्कूल बस के ड्राइवर के पास स्पेयर टायर भी नहीं था जोकि नियमों के अनुसार वाहन में हर समय रखा जाना अति आवश्यक है। वाहन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे वाहन का टायर किसी तीखे मोड़ पर फटता तो वाहन अनियंत्रित होकर पलट भी सकता था। बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों के मालिक जहां एक ओर स्कूल में बच्चों से मोटी फीस वसूलते हैं, वहीं बच्चों को स्कूल लाने तथा घर ले जाने के लिए रखे गए वाहनों के लिए भी किराया वसूल कर खूब चांदी कूट रहे हैं परंतु क्या ऐसे स्कूलों के वाहन सड़कों पर चलने के लिए मापदंडों के अनुरूप हैं, इस बात को पूछने वाला कोई भी नहीं है। 


विद्यार्थियों के परिजनों का कहना है कि ऐसे वाहनों के चालक अधिक कमाई करने के उद्देश्य से जरूरत से ज्यादा बच्चों को भर लेते हैं जबकि उन्हें अपने नौनिहालों को स्कूल समय पर ऐसे वाहनों में पहुंचाना मजबूरी बनी रहती है। उनका कहना है कि विभागीय निरीक्षक वर्ष में कभी एक आध बार मात्र कुछ वाहनों को जुर्माना करके औपचारिकता निभाने के बाद छोड़ देता है जबकि यह सिलसिला चलता रहता है जिससे उनके बच्चों की जिंदगी दाव पर लगी रहती है। उनकी मांग है कि ऐसे कमजोर वाहनों को चलाने वाले स्कूलों तथा वाहन चालकों दोनों पर विभाग कड़ी कार्रवाई करे ताकि किसी अनहोनी को टाला जा सके। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News