नशे के खिलाफ की कारवाई तो ‘ट्रांसफर’ मिला ईनाम

Sunday, Aug 28, 2016 - 01:35 AM (IST)

हमीरपुर: नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए हिमाचल सरकार ने कानून और सख्त करते हुए अब नशा कारोबार के शक पर भी गिरफ्तारी का प्रावधान कर दिया है लेकिन कानून बनाने से कुछ नहीं होगा जब तक धरातल पर सही तरीके से अवैध नशे के कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कसा जाता। अवैध नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के इरादे से टौणी देवी पुलिस चौकी के प्रभारी ने एक माह के भीतर ही 2-3 बार शक के आधार पर कथित तौर पर अवैध नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ रेड डाली तो उन्हें बदले में ट्रांसफर का ईनाम मिल गया।
 
4 माह पहले टौणी देवी पुलिस चौकी में बतौर प्रभारी की तैनाती के बाद ए.एस.आई. राजेश कुमार ने स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ तालमेल कर अवैध नशे के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान छेड़ रखा था, जिसके चलते उन्होंने टौणी देवी पुलिस को चुस्त-दुरुस्त करते हुए रात को नाके लगाने के साथ ही शक के आधार पर कथित तौर पर अवैध नशे का कारोबार करने वालों पर शिकंजा भी कसना शुरू किया था। इसी बीच चौकी प्रभारी की अचानक ट्रांसफर कर दी गई, जिससे क्षेत्र के लोग व जनप्रतिनिधि गुस्से में हैं। 
 
आखिर कैसे रुकेंगे अवैध कारोबार
यूं तो जिला ही नहीं, पूरे प्रदेश में पंचायतों के माध्यम से भांग उखाड़ो व नशे के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है लेकिन अगर इस तरह ईमानदार पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर नशे के खिलाफ कार्रवाई करने पर होगी तो कैसे नशे का अवैध कारोबार रुकेगा। अब यह भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है? 
 
संघर्ष के लिए भी बाध्य होंगे लोग
सिकांदर पंचायत प्रधान सतपाल शर्मा, बारीं पंचायत प्रधान बबीता चौहान व उपप्रधान सहित बीडीसी सदस्य प्रेम लता सहित स्थानीय लोगों ने बताया कि टौणी देवी पुलिस चौकी के प्रभारी ने नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अच्छा प्रयास शुरू किया था लेकिन उनके अचानक 4 माह के बाद हुए ट्रांसफर से लगता है कि सरकार को ईमानदार व नशे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द टौणी देवी पुलिस चौकी के प्रभारी की ट्रांसफर रद्द की जाए अन्यथा इसके खिलाफ स्थानीय लोग संघर्ष करने के लिए भी बाध्य हो जाएंगे।