पहली ही कोशिश में दिखाया Tallent, किसान का बेटा बना IFS

Monday, Jun 27, 2016 - 05:14 PM (IST)

हमीरपुर: महाराष्ट्र के कोलापुर के रहने वाले किसान के बेटे डा. नितिन पाटिल वन्य जीव संरक्षण विभाग हमीरपुर के डी.एफ.ओ. बने हैं।


जानकारी के मुताबिक 25 वर्षीय डा. नितिन का कहना है कि उन्हें अफसर नहीं बल्कि एक सेवक के तौर पर काम करना है। खास बात तो यह है कि कार्यालय में डी.एफ.ओ. बन कर वह कुर्सी पर नहीं बल्कि विजिटर कुर्सी पर बैठकर कामकाज कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब अधिकारी और जनता के बीच का फासला कम होगा तो काम में पारदर्शिता आएगी और हर काम सही तरीके से हो पाएगा। बता दें कि डा. नितिन के परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी नहीं करता। माता-पिता अपनी करीब 7 एकड़ जमीन पर खेतीबाड़ी कर गुजर-बसर करते हैं। 


नागपुर और देहरादून में हासिल की ट्रेनिंग
वर्ष 2006 में सरकारी स्कूल से विज्ञान संकाय में 12वीं पास करने के बाद नितिन ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से संचालित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा के आधार पर पुणे स्थित वेटरनरी कॉलेज से बी.एस.सी. वेटरनरी साइंस में डॉक्टरी की पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 2013 में बरेली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी साइंस एंड रिसर्च से स्नातकोत्तर किया। इसी बीच नितिन ने यू.पी.एस.सी. की परीक्षा भी दी। यू.पी.एस.सी. परीक्षा पास करने के बाद नितिन का चयन आई.एफ.एस. में हो गया। इतना ही नहीं नागपुर और देहरादून स्थित इंदिरा गांधी नैशनल फॉरेस्ट अकादमी से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद नितिन ने हिमाचल कैडर लिया। नाहन में 4 महीने का प्रोबेशन पीरियड खत्म करने के बाद डा. नितिन पाटिल ने अब हमीरपुर के वन्य जीव संरक्षण विभाग में बतौर डी.एफ.ओ. ज्वाइन किया है।