बस में नहीं बाली के कंडक्टर, सरकारी आदेशों को दिखा रहे ठेंगा
punjabkesari.in Wednesday, Oct 05, 2016 - 02:30 PM (IST)

धनेटा: बसों से स्कूल पहुंचने तथा घर लौटने वाले छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को निजी बसों के चालकों द्वारा की जा रही अनदेखी के कारण बच्चों को दोयम दर्जे का नागरिक बना कर रख दिया है, जिस पर अब परिवहन मंत्री ने शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विद्यार्थियों को सरकारी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है, मगर ये सुविधा नाकाफी साबित हो रही है। सुबह स्कूल पहुंचने तथा छुट्टी के बाद वापस घर आने के लिए विद्यार्थियों को समय पर सरकारी बसों के रूट न मिल पाने के कारण उन्हें मजबूरी में किराया देने के बावजूद भी निजी बसों के परिचालक सीटों पर बैठने से मनाही का फरमान जारी कर देते हैं।
धनेटा सहित उपमंडल के सभी स्कूलों के निकटवर्ती बस अड्डों पर छुट्टी के समय निजी बसों के परिचालक अपनी बसों में पहले दूरस्थ स्थानों के यात्रियों को सीटों पर बिठाते रहते हैं जबकि इन छोटे-छोटे बच्चों के झुंड परिचालक की कृपादृष्टि होने के लिए देखते नजर आते हैं। बस अड्डों व बस ठहराव पर स्कूलों में छुट्टी के समय ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है जबकि कंडक्टर बस को स्टैंड पर पहुंचते ही स्कूली बच्चों को चेतावनी दे देते हैं कि जब बस चलने को होगी तो उन्हें चढ़ा लिया जाएगा, ऐसे में यह बच्चे तथा उनके परिजन सरकार को कोसते देखे जा सकते हैं। एक नजर दौड़ाएं तो सरकार की देखरेख में चलने वाला केंद्रीय विद्यालय नादौन सुबह साढ़े 8 बजे लगता है और दोपहर बाद 2 बजकर 40 मिनट पर बच्चों को छुट्टी हो जाती है परंतु धनेटा, बड़ा तथा भूंपल आदि से दोनों ही समयों पर एच.आर.टी.सी. की बसें रूटों पर चलती नहीं दिखाई देती हैं।
धनेटा रोड पर तो सुबह 7 बजे, दोपहर डेढ़ बजे तथा सायं साढ़े 5 बजे केवल 3 समय ही सरकारी बसें दौड़ती नजर आती हैं, ऐसे में इस विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों को मजबूरी में निजी बसों में यात्रा करनी पड़ती है। सुबह स्कूल पहुंचने के लिए तो इनके परिजन किसी तरह अपने गांवों के पास निजी बसों पर अपने नौनिहालों को चढ़ा देते हैं लेकिन छुट्टी के समय नादौन बस स्टैंड पर घर जाने के लिए बस पकड़ना केवल परिचालक की दया पर ही निर्भर रह जाता है। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि केंद्रीय विद्यालय की छुट्टी के समय नादौन बस स्टैंड पर निजी बसों के पास दर्जनों की संख्या में कंडक्टर की ओर देखते ऐसे बच्चों के प्रति छापामारी करके आरोपी बस चालकों तथा परिचालकों पर कड़ी कार्यवाही करें ताकि प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ रहे यह बच्चे सरकार का धन्यवाद कर सकें।