सरकारी आंकड़ों ने पुलिस व एजैंसियों को सवालों में घेरा

Monday, Sep 26, 2016 - 05:01 PM (IST)

चम्बा: हिमाचल प्रदेश में लहलहा रहे भांग के पौधों को उखाड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़े स्तर पर भांग उखाड़ों अभियान को अंजाम दिया था। इस अभियान के बाद जो आंकड़े सामने आए वे बेहद चौकाने वाले रहे। क्योंकि मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान को अंजाम देने के दौरान राज्य के 2 जिलों की 50 बीघा भूमि में हाईब्रिड भांग की खेती होने के मामले सामने आए हैं।

यह आंकड़ा इसलिए चौकाने वाला है क्योंकि जिला चम्बा में अब तक पुलिस विभाग के पास एक भी ऐसा मामला दर्ज नहीं है जिसमें की भांग की खेती करने के आरोप में किसी पर मामला दर्ज किया गया है, ऐसे में सरकार का यह कहना कि जिला चम्बा के चुराह में हाईब्रिड की भांग की खेती की जा रही है अपने आप में यह बात सरकार व पुलिस की भूमि पर संदेश जताने के लिए मजबूर करती है।

नि:संदेह नशे की खेती करना गैर-कानूनी कार्य है लेकिन हैरत अंगेज करने वाली बात यह है कि जिला के चुराह उपमंडल में हाईब्रिड भांग की खेती होती रही और पुलिस को पता तक नहीं चला।

यही नहीं प्रदेश के गुप्तचर एजैंसियों की सक्रियता को भी मुख्य सचिव के बयान में सवालों के कटघरे में ला खड़ा कर दिया है। सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर अगर विश्वास किया जाए तो उसे यह आंकड़े भांग उखाड़ों अभियान के बाद मिले हैं लेकिन जब यह खेती जिला चम्बा में हो रही थी तो गुप्तचर एजैंसियों को क्या इसके बारे में जानकारी थी।

अगर उसे यह जानकारी थी तो क्या सरकार को उसने इस बारे में बताया था। अगर उसने सरकार को इस बारे में बताया था तो पुलिस ने नशे की खेती करने वालों पर शिकंजा क्यों नहीं कसा। यह सब वे प्रश्न हैं जो कि इन दिनों जिला चम्बा के प्रत्येक व्यक्ति की जुबान पर मौजूद हैं। दूसरी तरफ चुराह घाटी के लोग भी इस बात सेे हैरान-परेशान हैं।

दूसरी तरफ सरकार के भांग उखाड़ों अभियान को चुराह घाटी में कितनी गंभीरता के साथ अंजाम दिया गया है इस बात के प्रमाण चांजू पंचायत में जगह-जगह लहलहा रहे भांग के पौधों के रूप में देखा जा सकता है। यही नहीं यह नशे की फसल अब पक्क भी चुकी है जिसके चलते कुछ लोगों ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि सरकार ने जिस प्रकार के दावे व खुलासे किए हैं उनकी विश्वसनियता पर प्रश्नचिंह तमाम परिस्थितियां लगाती हुई प्रतीत हो रही हैं।