PICS: यहां साक्षात विराजमान होते हैं धर्मराज, करते हैं कर्मों का हिसाब

Tuesday, Aug 16, 2016 - 01:40 PM (IST)

भरमौर (चंबा): अकसर लोग धर्मराज के बारे में सुनते हैं। लेकिन, चंबा जिले के भरमौर में साक्षात धर्मराज विराजमान हैं। मान्यता है कि यहां उनकी कचहरी लगती है और जीव आत्माओं के कर्मोँ का पूरा हिसाब-किताब होता है। इतना ही नहीं भरमौर क्षेत्र में स्थापित धर्म राज के इस मंदिर को विश्व में इकलौता होने का भी गौरव हासिल है।


जानकारी के मुताबिक मणिमहेश यात्रा में शामिल होने के लिए विदेशों से आने वाले श्रद्धालु इस पवित्र मंदिर के दर्शन करते हैं। कई सिद्ध पुरुष इस बात का दावा भी कर चुके हैं कि उन्होंने धर्मराज की कचहरी में होने वाले सवाल-जवाब खुद सुने हैं। बता दें कि चौरासी परिसर में बने इस मंदिर के ठीक सामने चित्रगुप्त का आसन बनाया गया है। जबकि मंदिर से पहले सीढ़ियां और एक गुप्त यंत्र स्थापित है। इसी गुप्त यंत्र से धर्मराज सबके जीवन का लेखा लेते हैं। साथ ही मंदिर के बगल में ढाई सीढ़ियां लगी हैं जिन्हें स्वर्ग के दरवाजे के रूप में भी देखा जाता है।


चौरासी में धर्मराज मंदिर वाली जगह स्थापित टेढ़ा शिवलिंग था। यहां महाराज कृष्ण गिरि ने 1950 के बाद अपना आसन लगाया था। उस समय महात्मा के साथ मिलकर कुछ लोगों ने शिवलिंग का सीधा करने की कोशिश की। लेकिन अंतहीन खुदाई की वजह से उन्हें काम रोकना पड़ा। महाराज कृष्ण गिरि का 1962 में देहांत हो चुका है और उनकी समाधि धर्मराज मंदिर के साथ ही बनी है। धर्मराज मंदिर के पुजारी पंडित लक्ष्मण दत्त शर्मा का कहना है कि उनके पूर्वज मंदिर में पूजा-अर्चना करते आए हैं। उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि मंदिर परिसर में कई बार ऐसी ध्वनियां सुनाई देती हैं जैसे कोर्ट में बहस हो रही हो।