एसएचओ सहित 5 पुलिस कर्मियों को कैद

Friday, Sep 30, 2016 - 10:46 PM (IST)

चम्बा: सीजेएम राजेंद्र कुमार चम्बा की अदालत ने थाने में आरोपी से पूछताछ के दौरान मारपीट करने के आरोप में फंसे पुलिस कर्मियों को दोषी करार देते हुए एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी करार पुलिस कर्मियों में तत्कालीन एसएचओ भरमौर सहित 5 अन्य पुलिस कर्मी शामिल हैं। दोषी पुलिस कर्मियों को कोर्ट ने 5 हजार रुपए का जुर्माना भी किया है। जुर्माना न भरने पर दोषियों को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


अदालत ने इसी मामले को लेकर किए मानहानि के मामले पर निर्णय लेते हुए 25 लाख की डिग्री प्रदान की है। अधिवक्ता डीपी मल्होत्रा ने बताया कि यह मामला वर्ष 2006 का है। उनके मुवक्किल कश्मीर सिंह पुत्र गरजा राम सीटू के प्रदेश महासचिव ने कोर्ट के माध्यम से पुलिस कर्मियों के खिलाफ  मामला दर्ज करवाया था। शिकायत में उन्होंने कहा था कि चमेरा हाईड्रो प्रोजैक्ट में सितम्बर, 2006 में कर्मचारी हड़ताल कर रहे थे और इस दौरान परियोजना प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने 5 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उनके मुवक्किल कश्मीर सिंह ठाकुर को हिरासत में लिया गया था। हिरासत के दौरान पुलिस ने उसके साथ मारपीट की थी।


शिकायत के आधार पर तत्कालीन एसपी चम्बा उपेंद्र ठाकुर, भरमौर थाना प्रभारी प्रताप सिंह, एएसआई गैहरा अनूप कटोच, हैड कांस्टेबल गैहरा सुरेंद्र दत्त, भरमौर के कांस्टेबल न्यूटन व योगेंद्र तथा प्रोजैक्ट के कर्मचारी प्रमोद के खिलाफ  मामला दर्ज किया गया। इस मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं व तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने वीरवार को अपना निर्णय सुनाते हुए 5 पुलिस कर्मियों को मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।


अधिवक्ता मल्होत्रा ने बताया कि इस मामले को लेकर वर्ष 2009 में कश्मीर सिंह ठाकुर ने हिमाचल सरकार, पुलिस अधिकारियों व कंपनी के अधिकारी के खिलाफ  25 लाख रुपए का मानहानि व हिरासत में प्रताडऩा का मुकद्दमा हाईकोर्ट शिमला में किया था। इस मामले को हाईकोर्ट ने चम्बा जिला न्यायालय के पास सुनवाई के लिए भेज दिया। इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश पदम सिंह ठाकुर की अदालत ने शुक्रवार को उक्त मामले में 25 लाख रुपए के दावे की डिग्री प्रदान कर दी है, साथ ही अदालत ने आदेश दिए हैं कि मानहानि के 25 लाख रुपए में से 50 फीसदी राशि हिमाचल सरकार व 50 फीसदी राशि तत्कालीन शेष प्रतिवादी अदा करेंगे।