अमरनाथ की तर्ज पर बने मणिमहेश ट्रस्ट

Saturday, Sep 10, 2016 - 11:52 AM (IST)

चंबा: अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर राज्यपाल की देखरेख में मणिमहेश ट्रस्ट का निर्माण किया जाए ताकि यह ट्रस्ट राजनीतिक हस्तक्षेप की दायरे से मुक्त हो सके। यह बात महंत स्वामी वीरेंद्रानंद गिरि ने राज्यपाल को भेजे अपने खत में कही है। महंत स्वामी वीरेंद्रानंद गिरि ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि जब तक इस प्रकार के ट्रस्ट का निर्माण नहीं होगा, तब तक मणिमहेश यात्रा पर आने वाले शिव भक्तों को असुविधाओं का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता रहेगा।


उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बनाया गया मणिमहेश ट्रस्ट श्री सनातन धर्म मठ मंदिर सुरक्षा समिति को मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी तथा राधाष्टमी पर भरमौर तथा हड़सर में शराब की दुकानें खुली हुई देखी गईं। नशाबंदी पर भी पुलिस प्रशासन काबू पाने में सफल नहीं हुई। एच.आर.टी.सी. की भूमिका इस बार यात्रा के दौरान सराहनीय रही। शिवभक्तों को चम्बा से भरमौर व भरमौर से चम्बा लाने-ले जाने के लिए एच.आर.टी.सी. ने बसों की विशेष व्यवस्था की हुई थी, जिसके चलते श्रद्धालुओं को बसों का इंतजार करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ा।


उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को समय-समय पर महत्वपूर्ण सूचनाएं देने के जिम्मे को लोक संपर्क विभाग ने बखूबी अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि अपने पत्र में डल झील के चारों तरफ किसी भी प्रकार की दुकान व लंगर न लगाने के आदेश अगले वर्ष जारी करने का अनुरोध किया है। इसका कारण यह है कि डल की लोग परिक्रमा करते हैं और जब एक साथ हजारों लोग परिक्रमा करते हैं तो उस समय डल के किनारे पर मौजूद स्थान कम पड़ जाता है। ऐसे में वहां पर दुकानों व भंडारे लगाने के चलते शिव भक्तों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।


ऐसे में कई बार शिव भक्तों को उक्त दुकानदारों के साथ हाथापाई तक की नौबत आ जाती है। उन्होंने कहा कि भरमौर प्रशासन के दावों के विपरीत महिलाओं तथा यात्रियों को शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरसना पड़ा। ऐसे में समिति राज्यपाल से यह मांग करती है कि उपरोक्त तमाम बातों को मद्देनजर रखते हुए अगले वर्ष श्रद्धालुओं के लिए बेहतर प्रबंधन किए जाएं। इस बात को सुनिश्चित बनाने के लिए सरकार व जिला तथा भरमौर प्रशासन को निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है, जब मणिमहेश ट्रस्ट राज्यपाल की अगुवाई में बनेगा।