बिलासपुर के अस्पताल का कारनामा, 8 सालों से जंग खा रही TMT मशीन

Thursday, Sep 22, 2016 - 02:00 PM (IST)

बिलासपुर: प्रदेश सरकार लोगों की सुविधा के लिए कई योजनाएं शुरू करती है लेकिन अफसरशाही की वजह से कई बार लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। ऐसा ही एक मामला क्षेत्रीय अस्पातल बिलासपुर में उजागर हुआ है।

जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में हार्ट के मरीजों का टैस्ट करने के लिए करीब 2 लाख रुपए की लागत से एक टी.एम.टी. मशीन करीब 8 साल पहले लगाई गई थी लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण इस मशीन का लाभ आज तक किसी भी हार्ट के मरीज को नहीं मिल पाया है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक इस मशीन से आज तक एक भी टैस्ट नहीं हुआ है तथा लाखों रुपए की यह मशीन बिना प्रयोग के ही क्षेत्रीय अस्पताल के किसी कमरे में बंद पड़ी हुई खराब हो चुकी है। इस मशीन से हार्ट के मरीजों की हार्ट बीट की जांच की जाती है। हार्ट के मरीज को इस मशीन पर चलाया जाता है और फिर उस मरीज की हार्ट बीट को जांचा जाता है।

बताया जा रहा है कि टी.एम.टी. का टैस्ट बिलासपुर में और कहीं भी नहीं होता है। मरीजों को टी.एम.टी. टैस्ट करवाने के लिए या तो मंडी या फिर आई.जी.एम.सी. शिमला जाना पड़ता है। मंडी में यह टैस्ट निजी अस्पताल में करवाना पड़ता है।

किसी ने सुध लेना गवारा नहीं समझा
मजेदार बात यह है कि करीब 8 सालों में इस क्षेत्रीय अस्पताल में कई मुख्य चिकित्सा अधिकारी आए लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस मशीन की सुध लेना उचित नहीं समझा और न ही हार्ट के मरीजों को इस मशीन से टी.एम.टी. टैस्ट की सुविधा दिलवाने की जहमत उठाई।

बताया जा रहा है कि बिना प्रयोग के कारण यह मशीन अब जंग खाकर खराब हो गई है तथा अस्पताल के किसी भी कर्मचारी को इस मशीन बारे कोई जानकारी नहीं है। इस मामले को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं इस बारे मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डा. वी.के. चौधरी ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि अस्पताल के प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने चिकित्सा अधिकारी को दे रखी है, जिस कारण वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।