सूची से कई विस्थापित परिवारों के नाम गायब

Wednesday, Jun 22, 2016 - 11:29 PM (IST)

बिलासपुर: कोल बांध परियोजना के उत्पादन से मिलने वाले 1 प्रतिशत मुनाफा से असली विस्थापित अपने हकों से वंचित हो रहे हैं। हाल ही में एनटीपीसी द्वारा विस्थापित परिवारों को बतौर लाभांश 1 प्रतिशत देने की जो सूची जारी की है उस सूची में कई विस्थापित परिवारों के नाम गायब हैं। इससे विस्थापितों में एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है। इस प्रकाशित सूची की अगर सही मायने से नब्ज टटोली जाए तो कई खुलासे हो सकते हैं।

 

राष्ट्र हित के लिए लोगों ने अपनी पुरखों की जायदाद न्यौछावर कर दी है और अब बदले में विस्थापन का दर्जा पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। विस्थापन का दंश झेल रहे विस्थापितों ने कहा कि जिला प्रशासन व सत्तासीन सरकार ने भी कोई कदम नहीं उठाए हैं। कोल बांध परियोजना निर्माण के लिए अपनी जमीन व घर-बार देने वाले गांव बौहट-कसोल, चम्यौण, कसोल, घराट, कोल, कड़ाई-घराट, हरनोड़ा, क्याण, रोपा, जमथल व आयन आदि के लोगों ने बताया कि अब उन्हें विस्थापित का दर्जा पाने के लिए जिला प्रशासन के कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

 

लोगों ने कहा है कि कोल बांध परियोजना का निर्माण करने वाली एनटीपीसी प्रबंधन ने बिलासपुर, मंडी, सोलन और शिमला जिला के लोगों की एक सूची बनाकर जिला प्रशासन को अंतिम मंजूरी के लिए भेजी है। इस सूची में सैंकड़ों लोगों को शामिल नहीं किया गया है जिनकी जायदाद परियोजना निर्माण के लिए अधिकृत की गई थी। इस मामले को लेकर विस्थापित सदर विधायक बंबर ठाकुर से मिलेंगे।

 

विस्थापितों ने सूची का किया विरोध
विभिन्न ग्राम पंचायत के विस्थापितों ने एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा जिला प्रशासन को अंतिम मंजूरी के लिए भेजी गई सूची का विरोध जताया है। लोगों ने जिला प्रशासन से विस्थापित परिवारों को बतौर 1 प्रतिशत लाभांश मिलने वाली सूची में दुरुस्ती करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि जिन विस्थापितों की जमीन और घर अधिकृत हुए हैं उन्हें इस सूची में सम्मिलित किया जाए।

 

सूची को मंजूरी न दे प्रशासन
बीते शुक्रवार को हरनोड़ा ग्राम पंचायत के विस्थापित व पंचायत उपप्रधान जगदीश ठाकुर एसडीएम सदर हरीश गज्जू से मिले थे तथा इस मामले को लेकर ज्ञापन दिया था। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि अंतिम मंजूरी के लिए भेजी गई सूची को मंजूरी न दें क्योंकि अधिकतर लोगों की उसी पंचायत में जमीन और घर कोल डैम परियोजना में अधिकृत हो गए हैं लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन उन लोगों को विस्थापित नहीं मान रही है। विस्थापितों ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन उन बाहर के लोगों को विस्थापित मान रही जिन्होंने विस्थापित बनने के लिए बिस्वा जमीन ले रखी है।

 

एसडीएम सदर हरीश गज्जु ने बताया कि कोल बांध परियोजना के विस्थापितों का विस्थापित सूची का मामला पहले से ध्यानार्थ में है। इस मामले को लेकर विस्थापितों से एनटीपीसी प्रबंधन के साथ शीघ्र ही वार्ता की जाएगी।