मिड-डे मील वर्कर 25 को करेंगी प्रदर्शन

Thursday, Jul 21, 2016 - 11:05 AM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन बिलासपुर की बैठक बिलासपुर में यूनियन की जिला प्रधान कमलेश कुमारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में यूनियन की महासचिव सुरेंद्रा ने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकारें मिड-डे मील वर्कर्ज के हितों से खिलवाड़ कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि आज जहां टमाटर 100 रुपए किलो हो गया है तथा कोई भी दाल 200 रुपए किलो से कम नहीं है, वहीं मिड-डे मील वर्कर्ज को 30 रुपए दिहाड़ी पर काम करना पड़ रहा है। इतने कम मानदेय में अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है।

बावजूद इसके प्रदेश व केंद्र सरकारें उनकी मांगों को अमलीजामा पहनाने से परहेज ही कर रही हैं जिससे मिड-डे मील वर्कर्ज में रोष है। उन्होंने बताया कि बिहार जैसे राज्य में भी मिड-डे मील वर्कर्ज को 1300 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है जबकि केरल में 4 से 5 हजार रुपए दिए जा रहे हैं।

बैठक में मिड-डे मील वर्कर्ज को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, न्यूनतम वेतनमान देने, मिड-डे मील वर्कर्ज को दैनिक भोगी कर्मचारी बनाने, 25 से कम विद्यार्थी होने की शर्त को हटाने, मिड-डे मील वर्कर्ज को स्कूल में रिक्त पड़े चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर नियुक्त करने के लिए नीति बनाने तथा एस.एम.सी. कमेटियों के अध्यक्षों द्वारा किए जा रहे शोषण पर रोक लगाने की मांग की है तथा निर्णय लिया गया है कि 25 जुलाई को बिलासपुर में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर एटक के जिला प्रधान लेख राम वर्मा, महासचिव परवेश चंदेल व मनरेगा मजदूर यूनियन के जिला संयोजक अरुणेश ठाकुर भी मौजूद रहे।