अब मंदिर न्यास के कर्मियों के लिए सरकार बनाएगी ये Rule

Tuesday, Sep 27, 2016 - 11:14 AM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी मंदिर न्यासों में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए एक समान रैक्रूटमैंट एंड प्रमोशन रूल बनाने की योजना बनाई है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने कसरत करनी शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार भाषा एवं संस्कृति विभाग ने इसके लिए प्रदेश के सभी मंदिर अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं तथा गत दिनों भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक की इस बाबत प्रदेश के सभी मंदिर अधिकारियों व मंदिर के अध्यक्षों के साथ वीडियो कान्फ्रैंसिंग के जरिए बात भी हुई है।

इस योजना के सिरे चढ़ने के बाद जहां प्रदेश के मंदिर न्यासों में कार्यरत कर्मचारियों की एक मंदिर से दूसरे मंदिर के लिए स्थानांतरण किए जाने का प्रावधान भी होगा। सरकार का तर्क है कि इससे वर्षों से एक ही मंदिर में काम करने वाले कर्मचारियों की मनोपली समाप्त होगी, वहीं मंदिरों में पारर्दशिता बढ़ेगी तथा मंदिर न्यास भी सुदृढ़ होंगे। इस बारे में भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक आर.के. गौतम ने बताया कि आर.एंड पी. रूल बनाना सरकार का काम है। वे इस बारे में कुछ भी नहीं बता सकते।

मंदिर आयुक्त व मंदिर न्यास अध्यक्ष को ज्यादा शक्तियां देने की जरूरत
मंदिर न्यास में कार्यरत कर्मचारियों की मानें तो मंदिर न्यासों को सुदृढ़ करने के लिए मंदिर आयुक्त व मंदिर न्यास अध्यक्ष को ज्यादा शक्तियां दिए जाने की जरूरत है ताकि मंदिर आयुक्त व मंदिर अध्यक्ष मंदिर के हित में कोई निर्णय स्वतंत्र होकर ले सकें।

बताया जा रहा है कि मंदिर अध्यक्ष को मंदिर न्यास से करीब 50 हजार रुपए की राशि ही स्वयं खर्च करने की शक्ति है जबकि मंदिर आयुक्त को मंदिर न्यास से मंदिर में विकासात्मक कार्य आदि करवाने के लिए 10 लाख रुपए की राशि खर्च करने की शक्ति है। मंदिर न्यासों की सारी शक्तियां भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव के पास ही हैं। मंदिर न्यासों की शक्तियों का विकेंद्रीयकरण किए बिना मंदिर न्यासों को सुदृढ़ किए जाने की संभावना कम ही है।