बहू को जिंदा जलाने वाले ससुर को आजीवन कारावास

Saturday, Aug 27, 2016 - 08:05 PM (IST)

बिलासपुर: मई, 2014 में बिलासपुर के सलणु गांव में एक महिला अंजना को उसी के ससुराल वालों द्वारा आग के हवाले कर दिए जाने के मामले में शनिवार को सत्र न्यायाधीश बिलासपुर बहादुर सिंह की अदालत ने मामले के एक आरोपी सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक बालक राम को दोषी मानते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है जबकि अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। इस निर्णय में एक विशेष पहलू यह भी है कि दोषी द्वारा अदा किए जाने वाले जुर्माने की राशि से 20 हजार रुपए की राशि मृतका अंजना के पति व बच्चों को मुआवजे के रूप में मिलेगी। 
 
क्या है मामला
जिला न्यायवादी संदीप अत्री ने बताया कि 8 मई, 2014 को सुबह करीब साढ़े 8 बजे अंजना अपने पति के साथ सलणु गांव स्थित ससुराल में अपने कमरे में थी तो उसका ससुर बालक राम, सास रामप्यारी और देवर विजय कमरे में आए तथा अंजना के पति के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। 
 
रामप्यारी व विजय ने अंजना के पति कमल को पीटा और जब अंजना ने बीच-बचाव किया तो बालक राम मिट्टी के तेल की कैनी लेकर आया और अंजना पर छिड़क कर आग लगा दी। अंजना जलती हुई कमरे से बाहर की ओर भागी। अंजना के पति ने भी उसे बचाने की कोशिश की तथा इस कोशिश में उसके हाथ भी जल गए। बुरी तरह झुलसी अंजना को पीएचसी बरमाणा लाया गया, जहां से उसे क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर भेज दिया गया। चिकित्सकों ने  गंभीर हालत में उसे आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया, जहां पर अंजना ने 24 अगस्त को दम तोड़ दिया। 
 
आईजीएमसी जाने से पूर्व क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में अंजना के बयान तत्कालीन जिला राजस्व अधिकारी शशि शर्मा ने दर्ज किए और मामले में 3 आरोपियों बालक राम, रामप्यारी व विजय के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली। जिला न्यायवादी संदीप अत्री ने बताया कि आरोपियों पर लगे आरोपों को सिद्ध करने के लिए 21 गवाह पेश किए गए तथा साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अदालत ने यह सजा सुनाई।