बस बेचने के बाद बस मालिक ने रचा ड्रामा

Sunday, Jun 26, 2016 - 12:07 AM (IST)

घुमारवीं: निजी बस मालिक ने हाईटैक ड्रामा रच कर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। निजी बस (नंबर एच.पी. 68-7327) के मालिक विनोद पुत्र मन्शा राम निवासी भदरोग घुमारवीं ने बीते कल सुबह साढ़े 8 बजे पुलिस थाना में फोन करके सूचित किया कि उसकी बस को चालक हमीरपुर से लेकर आया तथा बस को डंगार चौक पर खड़ा करके अपने घर चला गया। सुबह जब वह बस को ले जाने के लिए आया तो बस उस स्थान से गायब थी। शिकायतकत्र्ता ने इस मामले में लिखित शिकायत पत्र पुलिस थाना में दिया कि उसकी बस डंगार चौक से चोरी हो गई है।

 

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस पर दबाव बढऩे लगा क्योंकि इस क्षेत्र से कुछ दिन पूर्व एक कार भी चोरी हो चुकी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए भराड़ी पुलिस ने जिला पुलिस ऊना व हमीरपुर को सूचित कर दिया। पुलिस ने वहां हाई अलर्ट जारी कर दिया। पुलिस थाना प्रभारी दया राम व ए.एस.आई. दुनी चंद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस थाना से तुरंत रवाना हो गए। इन लोगों ने मैड़ बाजार (भोटा) व बड़सर बाजार में दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को पूरा दिन खंगाला।

 

पुलिस पड़ताल में कहीं भी इस नंबर की बस को डंगार या बड़सर की ओर ले जाने की कोई भी फुटेज नजर नहीं आई। पुलिस ने अपनी तफ्तीश का रुख चोरी से बदलते हुए दूसरी ओर मोड़ा। पुलिस ने बस के चालक विनोद कुमार पुत्र कृष्ण निवासी बरोटा को पूछताछ के लिए डंगार चौक पर तलब किया। गहनता से पूछताछ करने पर पता चला कि बस डंगार चौक पर खड़ी नहीं की गई थी। डंगार चौक पर रहने वाले लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि यह बस डंगार चौक पर आई ही नहीं थी। बस चालक ने पुलिस को बताया कि उसके मालिक ने इस कहानी को बनाने के लिए उसे कहा था।

 

मालिक ने कबाड़ी को अप्रैल में बेच दी थी बस
पुलिस छानबीन में आया कि उपरोक्त बस 5-6 माह पहले डुगा स्थित बॉडी बिल्डर की वर्कशॉप पर देखी गई थी। उसके बाद पुलिस डुगा हमीरपुर बॉडी बिल्डर की वर्कशॉप पर गई। बस के मालिक ने बस अप्रैल, 2016 में पठानकोट में कबाड़ी का काम करने वाले को बेच दी थी। छानबीन में यह भी आया कि बस विनोद कुमार की पत्नी के नाम थी। बॉडी बिल्डर ने बस को बेचे जाने वाले शपथ पत्र की कापी पुलिस को दी, जिससे सारे घटनाक्रम का खुलासा हो गया। पुलिस थाना भराड़ी प्रभारी दया राम के अनुसार बस मालिक ने बस के करों की अदायगी नहीं की थी। बस के रूट पर चलने वाले दस्तावेज भी पूरे नहीं थे। पुलिस ने पठानकोट में दुकानदार से बात की तो उसने बताया कि उसने इस बस को अप्रैल, 2016 में खरीद लिया था। पुलिस थाना प्रभारी दयाराम ने कहा कि लोग सड़क के किनारे अपने वाहनों को खड़ा न करें तथा झूठी सूचनाएं देकर पुलिस को गुमराह न करें, इससे पुलिस का समय बर्बाद होता है।

 

डीएसपी घुमारवीं अंजनि जसवाल ने बताया कि यह एक ड्रामा रचा गया था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को गुमराह किया। पुलिस ने बस मालिक विनोद कुमार के खिलाफ  पुलिस को गुमराह करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।