नशे से बर्बाद हो रही है युवा पीढ़ी

Tuesday, Nov 24, 2015 - 02:43 PM (IST)

बरठीं: जहां-तहां बिखरी पड़ी खाली शराब की बोतलें इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि समाज में नशे के प्रचलन में जहां बढ़ौतरी हुई है, वहीं नशे की लत ने समाज की नौजवान पीढ़ी को भी बुरी तरह से जकड़ लिया है। शादी हो या अन्य कोई समारोह, शराब के बिना अधूरे ही समझे जाते हैं। नौजवानों में नशे के बढ़ते हुए प्रचलन को चिंतनीय विषय करार देते हुए बुद्धिजीवी वर्ग, समाज में अपना अहम रुतबा रखने वाले लोगों तथा सेवानिवृत्त प्रिंसीपल नंद लाल ठाकुर, प्रधानाचार्य नरेश कुमार सोहड़, प्रधानाचार्य यशपाल पटियाल ने समाज के इस बिगड़ते हुए परिवेश पर विश्लेषणात्मक चिंतन करते हुए इसे चिंतनीय विषय करार देते हुए कहा कि नशेखोरी के इस बढ़ रहे प्रचलन से युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर बढ़ रही है। 


नशीले पदार्थों को दिया जा रहा अधिमान
लोगों ने कहा कि एक वह समय था जब लोगों का जीवन सादा होता था और शराब से कोसों दूर होते हुए लंबी उम्र का आनंद लेते थे, और एक समय आज यह आ गया है जब अधिकांश लोग शराब के साथ-साथ देह को जड़वत कर देने वाले विभिन्न प्रकार के नशों को ज्यादा अधिमान देने लगे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लोग घरेलू एवं सामाजिक हिंसा जैसे कारनामों को अंजाम देकर समाज को बदनामी के मुकाम पर ले जाने से भी पीछे नहीं रहते। न जाने कितने ही घर इस नशे ने उजाड़ डाले हैं।


उठाने होंगे कड़े कदम
लोगों ने बताया कि जिन नशों के नाम तक उन्हें नहीं पता, वे आज के युवा के शौकों में शुमार हैं। शराब के साथ-साथ बच्चों में विभिन्न प्रकार के नशे जैसे फल्यूड, भांग, चरस, नशीली दवाइयां, ब्राउन शूगर ने समाज में अव्यवस्था के आलम को परवान चढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि किसी भी बारात या फिर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में नवयुवकों को सरेआम झुंडों में शराब पीते देखा जा सकता है।


लोगों ने बताया कि आज नौबत यहां तक आ गई है कि कुछ लोग तो बेखौफ होकर कई थाना क्षेत्रों के अंतर्गत सड़क के किनारे बैठकर शराब पीते हुए कानून व नियमों की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कई स्थानों पर खाली पड़ी बोतलों के ढेर लगे हुए देखे जा सकते हैं।