बिलासपुर संवारने को तैयार झील के किनारे विश्व का यह एकमात्र स्टेडियम, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Friday, Nov 17, 2017 - 01:37 PM (IST)

बिलासपुर: बिलासपुर के लुहणू मैदान में बना क्रिकेट स्टेडियम लंबे समय तक नेताओं की राजनीतिक लड़ाई व महत्वकांक्षाओं के पालने में झूलता रहा है। इस क्रिकेट स्टेडियम का कार्य शुरू में जहां कांग्रेस नेता राम लाल ठाकुर व उनके युवा बेटे विकास ठाकुर ने देखा, वहीं जब यह क्रिकेट स्टेडियम एच.पी.सी.ए. अध्यक्ष सांसद अनुराग ठाकुर की नजरों में चढ़ा तब से उपेक्षित पड़े इस क्रिकेट स्टेडियम की किस्मत ही बदल गई। करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर विकसित हुआ यह क्रिकेट स्टेडियम वर्तमान में बिलासपुर नगर की सुंदरता में जहां चार-चांद लगा रहा है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि आने वाले समय में यह क्रिकेट स्टेडियम बिलासपुर की अर्थव्यवस्था को सुधारने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। 2 दिन पूर्व ही एच.पी.सी.ए. अध्यक्ष सांसद अनुराग ठाकुर ने इस क्रिकेट स्टेडियम में रबेहतीन खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 10 करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की है। आवश्यकता अब इस बात की है कि क्रिकेट के नाम पर चल रही राजनीतिक लड़ाई बंद हो तथा इस क्रिकेट स्टेडियम को और भव्य तथा अधिक सुविधा संपन्न बनाने के लिए सभी प्रयास करें।
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सुविधाओं पर 10 करोड़ होंगे खर्च
अभी 2 दिन पूर्व ही बिलासपुर आए एच.पी.सी.ए. के अध्यक्ष सांसद अनुराग ठाकुर ने बिलासपुर के इस क्रिकेट स्टेडियम को निखारने तथा सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने की घोषणा की है। जानकारी के अनुसार इस मैदान को क्रिकेट की नई तकनीकों के अनुरूप बनाया जाएगा। इस राशि से ड्रैसिंग रूम्ज को भव्यता प्रदान की जाएगी। जिम को भी और बड़ा तथा भव्य बनाया जाएगा। यहां एक कांफ्रैंस हॉल भी होगा तथा कुछ कमरों का निर्माण भी किया जाएगा, जिनमें क्रिकेट खिलाडिय़ों की नई पौध को तैयार करने के लिए चलाई जा रही क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले दूरदराज के किशोर व बाल खिलाडिय़ों के ठहरने की व्यवस्था भी होगी। वर्तमान में इस अकादमी में मंडी, हमीरपुर, शिमला व कुल्लू जिलों के बच्चे भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये छोटे बच्चे शहर में ही किराए के कमरों में रहते हैं। उन्हें आवासीय सुविधा मिल जाने पर उनके रहने की समस्या भी हल हो जाएगी, वहीं इन नन्हे बच्चों के साथ अपना काम धंधा छोड़ कर रह रहे अभिभावक भी चैन की सांस ले पाएंगे। 


अंतर्राष्ट्रीय मापदंड पूरा करता है लुहणू मैदान 
बिलासपुर के लुहणू मैदान में बना क्रिकेट स्टेडियम अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप उतरता है, वहीं इस क्रिकेट स्टेडियम को हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा प्रैक्टिस एरिया देने का भी गौरव प्राप्त है। इंग्लैंड व न्यूजीलैंड क्रिकेट संघों के पदाधिकारी इस मैदान का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने भी इस मैदान को बेहद सुंदर व उत्तम बताया लेकिन खिलाडिय़ों के ठहरने व यहां तक पहुंचने के लिए नजदीक हवाई सुविधा न होने के कारण विदेशी टीमों का यहां आ पाना असंभव बताया। यदि बिलासपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के ठहरने के लिए किसी पांच सितारा होटल व बिलासपुर के नजदीक ही कोई हवाई अड्डा मुहैया हो जाए तो बिलासपुर का यह क्रिकेट स्टेडियम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी कर पाने के लिए तैयार है। 


82 मीटर रेडियस है गोलाई
बिलासपुर का यह क्रिकेट स्टेडियम 82 मीटर रेडियस की गोलाई लिए हुए है। अंतर्राष्ट्रीय मापदंड बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए क्रिकेट मैदान का रेडियस कम से कम 65 मीटर होना चाहिए। ऐसे में बिलासपुर का क्रिकेट स्टेडियम बड़े क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है। इस क्रिकेट स्टेडियम में 260 फुट लंबा व 110 मीटर चौड़ा प्रैक्टिस एरिया भी है, जिसमें 12 ट्रफ विकेट, एक सिंथैटिक विकेट व एक कंक्रीट विकेट बना हुआ है। मैदान में एक और प्रैक्टिस एरिया विकसित करने का कार्य वर्तमान में चला हुआ है। यह प्रैक्टिस एरिया 325 फुट लंबा व 80 फुट चौड़ा होगा।


घासयुक्त बनाई गई है दर्शक दीर्घा
अब विश्व स्तर पर बन रहे नए मैदानों में दर्शकों के बैठने का क्षेत्र कंकरीट का न बनाकर घासयुक्त बनाने का ही ट्रैंड चला है। न्यूजीलैंड व अस्ट्रेलिया में ऐसे ही कई क्रिकेट मैदान विकसित किए गए हैं। उसी की तर्ज पर एच.पी.सी.ए. अध्यक्ष सांसद अनुराग ठाकुर ने बिलासपुर के इस क्रिकेट मैदान को घासयुक्त दर्शक दीर्घा वाला देश का पहला मैदान बनाने का सपना देखा व इसमें दर्शक दीर्घा स्लोप वाली बनाई गई है तथा हरी घास लगाई गई है ताकि दर्शक इसी घास पर बैठ कर खेल का आनंद ले सकें। इस खेल मैदान में वर्तमान में 5 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। 


ये सुविधाएं हैं मौजूद
वर्तमान में बिलासपुर के इस क्रिकेट स्टेडियम में खिलाडिय़ों के लिए 2 डै्रसिंग रूम, अंपायरों के बैठने का स्थान, क्रिकेट मैच की रिकार्डिंग करने के लिए अलग से कमरा, किचन व करोड़ों रुपए की लागत का जिम मौजूद है। मैदान में घास भी अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप लगी है। इस पूरे मैदान में अंडर ग्राऊंड फव्वारे लगे हैं। मैदान को भिगोने वे घास को पानी देने के लिए ऑटोमैटिक सिस्टम से ये फव्वारे जमीन से बाहर निकलते हैं व कार्य पूरा हो जाते ही पुन: जमीन में ही समा जाते हैं।


कई मैचों की मेजबानी कर चुका है स्टेडियम
यह क्रिकेट स्टेडियम अब तक रणजी मैचों सहित विजय हजारे ट्रॉफी के कई मैचों की मेजबानी कर चुका है। बिलासपुर के इस मैदान पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सितारे विरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, आशीष नेहा, अमित मिश्रा व ऋषि धवन इत्यादि खेल चुके हैं। युवराज सिंह को तो यह मैदान इतना पसंद आया कि उन्होंने यहां एक्सीलैंसी ऑफ युवराज के नाम से अपनी क्रिकेट अकादमी भी शुरू करने की घोषणा की है।


जल्द सूख जाता है स्टेडियम
इस मैदान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मैदान पर जितनी ज्यादा बारिश हो जाए, मैदान शीघ्र ही सूख जाता है। इसके लिए मैदान में जमीन से 3 से 4 फीट नीचे परफ्यूरेटिड पाइपें बिछाई गई हैं। कुल मिलाकर ऐसी 267 पाइपें बिछी हैं जो जमीन से पानी को तुरंत सोख लेती हैं। बारिश बंद होने की स्थिति में मैदान शीघ्र ही खेल लायक हो जाता है। 


झील के किनारे है स्टेडियम
इस मैदान की दूसरी बड़ी खासियत है कि यह विश्व का ऐसा एकमात्र क्रिकेट मैदान है जो बिल्कुल झील के किनारे बना है। इस मैदान की समुद्रतल से ऊंचाई 1675 फुट है जबकि भाखड़ा डैम में पूरा पानी भर जाने पर गोबिंदसागर झील का पानी 1680 फुट तक पहुंच जाता है, ऐसे में यह मैदान साथ लगती झील से 5 फुट नीचे रहता है। 


मैदान में नहीं घुस सकता पानी
झील के पूरे तरह भरे होने की स्थिति में झील का पानी मैदान में न घुसे इसके लिए मैदान में झील की तरफ 12 फुट गहरी खाई खोदी गई है। झील के रिसाव का पानी इस खाई में पहुंचता है व वहीं से सीधा जलसंग्रहण टैंक में पहुंच जाता है जहां से वाटर पंपों की मदद से इसे पुन: झील में फैंक दिया जाता है।


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