जब स्वास्थ्य मंत्री ने जांच लिए बीच सड़क में रोकी एंबुलैंस, जानिए क्या हुआ आगे

punjabkesari.in Sunday, Feb 18, 2018 - 08:32 PM (IST)

शिमला: जी.वी.के. एम.आर.आई. कंपनी द्वारा चलाई जा रही 108 एंबुलैंस में लापरवाही का मामला सामने आया है। रविवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार जब सोलन जिले के दाड़लाघाट के पास से गुजर रहे थे तो वह एकदम से हरकत में आए और सामने से आ रही एक 108 एंबुलैंस (एच.पी. 63-4288) को जांच लिए रोक लिया। मंत्री ने एंबुलैंस की चैकिंग करने पर पाया कि इसमें कोई भी मरीज नहीं था और चालक ने मरीज को अस्पताल पहुंचा कर वापस आने की बात कही।
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एंबुलैंस में न आक्सीजन सिलैंडर और न ही मिली दवाइयां
मंत्री ने कहा कि गत सायं ही 108 सेवाओं की समीक्षा के दौरान उन्हें बताया गया था कि वाहन में 31 जैनरिक दवाइयां ऑक्सीजन के 2 सिलैंडर तथा 3 स्टैचर उपलब्ध रहते हैं, जबकि मौके पर कुछ एक इंजैक्शन को छोड़कर वाहन में कोई भी दवा नहीं थी और न ही ऑक्सीजन सिलैंडर था। केवल छोटे-छोटे 2 स्टैचर पड़े थे। यही नहीं, गंभीर दुर्घटना की स्थिति में वाहन में 21 औजार उपलब्ध होने की बात भी मंत्री को बताई गई थी लेकिन वाहन में कोई ऐसा उपकरण नहीं था और वाहन में धूल जमी थी। 
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क्यों न रद्द कर दिए जाएं कंपनी के टैंडर 
स्वास्थ्य मंत्री ने 108 एंबुलैंस राष्ट्रीय सेवा की खराब हालत और इसमें सुविधाओं की कमी पर कड़ा संज्ञान लेते हुए विशेष सचिव स्वास्थ्य को दूरभाष से एंबुलैंस संचालन कंपनी जी.वी.के. के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में रिपोर्ट 2 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को कहा। मंत्री ने कहा कि क्यों न कंपनी के टैंडर रद्द कर दिए जाएं। मंत्री ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने पर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता और वह इसके लिए काफी संवेदनशील हैं।


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