हिमाचल के 100 से अधिक फार्मा उद्योगों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, पढ़ें खबर

punjabkesari.in Saturday, Feb 17, 2018 - 12:45 AM (IST)

सोलन: प्रदेश में करीब 100 से अधिक फार्मा उद्योगों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। 13 महीनों में इन उद्योगों की 131 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें कई उद्योग ऐसे हैं, जिनकी एक से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के कड़े रुख के बाद अब ड्रग विभाग भी सख्त हो गया है। प्रदेश में अभी तक ऐसे उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे उद्योगों को ब्लैक लिस्ट करने का ऐलान किया था। इसके बाद दवा कंपनियों के साथ ड्रग विभाग में भी हड़कंप मच गया है।

प्रदेश की छवि को पहुंचा नुक्सान
देश में पिछले 13 महीनों (जनवरी 2017 से जनवरी 2018 ) तक कुल 407 दवाओं के सैंपल फेल हुए, जिनमें से 131 दवाएं हिमाचल में बनी थीं। देश में जितनी दवाओं के सैंपल फेल हो रहे हैं, उनमें हर चौथी दवा हिमाचल की है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की छवि को नुक्सान हो रहा है। ये सभी दवाएं जीवन रक्षक हैं और ये हार्ट, किडनी, बुखार, मधुमेह, एलर्जी, दर्द, सर्दी-जुकाम, बी.पी., गैस, उल्टी, हड्डियों की दर्द, कान, आंख व दांतों के दर्द इत्यादि से संबंधित हैं।

सैंपल फेल होने के बाद भी होता है दवाओं का सेवन
केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सी.डी.एस.ओ.) हर महीने राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग अलर्ट जारी करता है। इसमें जिन दवाओं के सैंपल फेल होते हैं, उनकी सूची जारी की जाती है। बाजार में ये दवाएं उपलब्ध होने के कारण रोगी इन दवाओं का सेवन भी कर लेते हैं क्योंकि सैंपल फेल होने के बाद ही इन दवाओं के स्टॉक को वापस मंगवाया जाता है। उससे पूर्व तो ये बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होती हैं।

औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. के सबसे अधिक सैंपल फेल
प्रदेश में सबसे अधिक दवाओं के सैंपल औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. के फेल हो रहे हैं। फेल हुई करीब 70 दवाओं का संबंध बी.बी.एन. व इसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्र से है। शेष दवाओं का उत्पादन पांवटा साहिब, कालाअम्ब, सोलन, संसारपुर टैरेस, गगरेट, मैहतपुर व कुम्माहरट्टी इत्यादि औद्योगिक क्षेत्रों में हुआ है। 

दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर नहीं होगा समझौता 
राज्य दवा नियंत्रक  नवनीत मारवाह ने बताया कि ड्रग विभाग जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। हालांकि विभाग ऐसे उद्योगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 


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