पांडवों के अज्ञातवास से जुड़ी इस चट्टान का किस्सा जान रह जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2017 - 06:59 PM (IST)

रिवालसर: जिला मुख्यालय मंडी से 32 किलोमीटर दूर बल्ह उपमंडल की बरस्वाण पंचायत के बटुरडा नामक स्थान के साथ लगते जंगल में ऐसी अदभुत चट्टान है जो पाडवों के अज्ञातवास से जुड़ी हुई है।कहते हैं कि यह शिला पांडवों के हुक्के  का चुगल (हुक्के  की कटोरी में डालने वाला पत्थर) था। पांडवों के अज्ञातवास के कई ऐसे किस्से हैं जो लोगों को हैरत में डाल देते हैं। कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला जंगलों में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान काफी समय गुजारा था। जिसकी निशानियां आज भी देखने को मिल रही है। इन्हीं निशानियों में से शिधकोट जंगल में स्थित हिलक रोड़ा नाम से प्रसिद्ध शिला में स्थानीय लोगों की गहरी आस्था है। लोग उक्त शिला को दूर-दूर से देखने आते हैं व इसकी पूजा-अर्चना भी करते हैं। 
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हाथ की सबसे छोटी ऊंगली से हिलती है चट्टान
हिलक रोड़ा नाम से प्रसिद्ध भीमकाय सी दिखने वाली शिला में एक बेहद अद्भुत और आश्चर्यजनक बात छिपी हुई है। इस भारी-भरकम चट्टान को आप अपने हाथ की सबसे छोटी उंगली से भी हिला सकते हैं, हल्का-सा भी धक्का देने पर यहभीमकाय शिला हिलती है।  यहां तक पहुंचने के लिए सुंदरनगर से लेदा होते हुए व मंडी से बाया नेरचौक या रिवालसर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। क्षेत्र के यादविंद्र शर्मा, पदम नाभ, मुलखराज, हेतराम, लाभा राम, प्रेमसागर सहित दर्जनों लोगों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे ऐतिहासिक क्षेत्रों को चिन्हित कर पर्यटन के मानचित्र पर लाएं जिसे इस क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। 


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