बर्फबारी-बारिश ने बढ़ाई बच्चों की परेशानी, पेपर देने ऐसे पहुंचे स्कूल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 12, 2017 - 07:48 PM (IST)

शिमला: बीते सोमवार से प्रदेश में हो रही बारिश और बर्फबारी ने बच्चों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, ऐसे में बच्चों को कड़ाके की ठंड में पेपर देने पड़ रहे हैं। मंगलवार को जिला शिमला के चौपाल, नेरवा, रामपुर, डोडराक्वार, ठियोग व चिडग़ांव सहित सभी ब्लाकों में बच्चों को पेपर देने में परेशानी उठानी पड़ी। बर्फबारी के दौरान प्राथमिक स्कूल के बच्चों को ठिठुरते हुए पेपर देने के लिए स्कूल पहुंचना पड़ा। इस दौरान अभिभावकों को बच्चों के साथ स्कूल पहुंचाना पड़ा तो कई जगह शिक्षक स्वयं बच्चों को स्कूल लाए। 

मोबाइल की रोशनी में करवाने पड़े बच्चों को पेपर
इस दौरान कई स्कूलों में लाइट भी नहीं थी, ऐसे में मोबाइल की रोशनी में बच्चों को पेपर करवाए गए। चौपाल और नेरवा ब्लाक के प्राथमिक स्कूल जोखड, लिंगधार, पुलावा, सराहन और केलवी में पेपर देने में बच्चों को दिक्कतें आईं। बिना रोशनी के कमरों में शिक्षकों को पेपर करवाने के लिए टॉर्च और मोमबत्ती का इस्तेमाल करना पड़ा। शिक्षकों का कहना है कि  विभाग को प्राथमिक स्तर के बच्चों के  पेपर 5 दिसम्बर से शुरू करवाने चाहिए थे लेकिन विभाग ने 11 दिसम्बर से ये पेपर करवाए।

केलवी वन चौकी में चल रहा प्राथमिक स्कूल
चौपाल के पी.टी.एफ. अध्यक्ष देवेंद्र का कहना है कि वह बीते 3 महीने से प्राथमिक स्कूल केलवी वन चौकी में चला रहे हैं। स्कूल का भवन जर्जर अवस्था में है। ऐसे में इसे डिसमैंटल करने के निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूल का अपना भवन न होने से बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उक्त चौकी में ही इस दौरान बच्चों के पेपर चले हुए हैं। मंगलवार को बर्फ में ही बच्चों को पेपर देने आना पड़ा। उन्होंने बताया कि 2 बच्चों को तो स्वयं मैं घर से पेपर देने के लिए लाया। 14 दिसम्बर तक ये पेपर जारी रहेंगे। 

स्कूल प्रशासन पोस्टपोन कर सकता है पेपर
सर्वशिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक घनश्याम चंद का कहना है कि ऐसे मौसम को देखते हुए स्कूल प्रशासन पेपर पोस्टपोन कर सकता है। ये अधिकार स्कूलों को दिए गए हैं। दूसरी तरफ शिक्षकों का कहना है कि बारिश व बर्फबारी में पेपर करवाने को लेकर कोई भी स्पष्ट निर्देश विभाग की ओर से जारी नहीं किए गए हैं। यहां तक कि पेपर देरी से करवाने के लिए कोई भी छूट विभाग की ओर से नहीं दी गई है।


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