शिमला के बाद अब मंडी में खाकी दागदार, सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली

punjabkesari.in Tuesday, Dec 05, 2017 - 01:04 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): शिमला के बाद अब मंडी में खाकी दागदार हुई है। 2 वर्ष पूर्व एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार में कुछ पुलिस के जवानों ने खाकी के दामन पर कीचड़ उछाला तो उसके बाद लग्जरी वाहन चोरी मामले में पुलिस के कुछ जवानों की संलिप्तता ने पुलिस के कामकाज को दागदार बना दिया। अब मादक पदार्थ मामले में एक व्यक्ति को जबरन चरस तस्करी के आरोप में फंसाने पर कुछ कनिष्ठ अधिकारियों के कारनामे से एक बार फिर मंडी पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।


मंडी पुलिस की ईमानदार छवि पर लगी कालिख 
हालांकि पुलिस के कुछ ईमानदार अफसरों की जांच के बाद ही इस मामले में हाईकोर्ट व सी.बी.आई. को अहम सुराग मिलने जा रहे हैं, लेकिन खाकी की आड़ में कई अफसरों की काली करतूतें इस तरह बाहर आ गई हैं, जिससे मंडी पुलिस की ईमानदार छवि पर कालिख पुत गई है, वहीं जिन अफसरों ने अपना काम ईमानदारी से किया है, उनकी जनता दबी जुबान में सराहना भी कर रही है। 2 दिसम्बर को हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. को 5 लोगों के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने व भ्रष्टाचार का यह मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे और हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब पांचों आरोपियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है, जिसमें 2 पुलिस के अधिकारी व एक कांस्टेबल है। 


इस मामले में ज्यादा हुई किरकिरी 
बता दें कि याची रवि कुमार करीब 18 महीने से न्यायिक हिरासत में है और खुद को बेकसूर बताते हुए रवि कुमार ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है। रवि कुमार व उसके परिजनों ने मामले की सी.बी.आई. से जांच करवाने की मांग की थी। प्रार्थी के पिता रमेश चंद ने अपनी शिकायत में कहा था कि जेल में बंद एक अन्य चरस तस्कर व तीनों पुलिस कर्मचारियों द्वारा रची गई कथित साजिश के तहत उसके बेटे से 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी और नहीं देने पर झूठे चरस तस्करी के आरोपों में फंसाया गया। एक दिन जब मंडी के एक जज जेल निरीक्षण को गए तो वहां आरोपी ने खुद को बेक सूर बताते हुए जांच की मांग की थी।


सी.बी.आई. को इस मामले में प्रारंभिक जांच पूरी कर एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश 
सैशन जज मंडी के आदेश के बाद इस मामले की एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जांच हुई, जिसमें आरोपियों को क्लीन चिट दी गई और जब मामला हाईकोर्ट गया तो वहां से फिर जांच के आदेश हुए, जिसमें एक डी.एस.पी. ने जांच की, जिसे हाईकोर्ट ने सही माना और हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. को आदेश दिया कि नियमित मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। ये आदेश प्रार्थी रवि कुमार द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान पारित हुए हैं, जबकि इस मामले में एडीशनल सैशन जज रैंक और पुलिस की ओर से एक डी.एस.पी. ने अलग-अलग इंक्वायरी की है, जबकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उपरोक्त मामले में कोर्ट के आदेश के बावजूद आरोपी पुलिस वालों को जांच में क्लीन चिट दे डाली थी, जबकि बाद में एक डी.एस.पी. रैंक के अधिकारी की जांच को कोर्ट ने सही माना और उसी आधार पर सी.बी.आई. को इस मामले में प्रारंभिक जांच पूरी कर एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।


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