आत्महत्या मामले में ‘खाकी’ के काम पर उठे सवाल, परिजनों ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 08:14 PM (IST)

हमीरपुर: बिलासपुर जिला अस्पताल में तैनात फिजियोथैरेपिस्ट डा. ज्योति ठाकुर की आत्महत्या मामले में उसके परिजनों ने डी.सी. हमीरपुर के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा तथा उक्त आत्महत्या मामले को एक मर्डर केस का मामला करार दिया तथा उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग उठाई है। डी.सी. को ज्ञापन सौंपने के उपरांत उक्त प्रतिनिधिमंडल ने डी.सी. आफिस के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया तथा बिलासपुर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रतिनिधिमंडल में कृष्णानगर की दर्जनों महिलाएं व पुरुषों सहित पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर भी मौजूद रहीं।

यह है मामला
बता दें कि हमीरपुर शहर के कृष्णानगर की डा. ज्योति ठाकुर (29) बिलासपुर जिला अस्पताल में बतौर फिजियोथैरेपिस्ट तैनात थी तथा गत 5 सितम्बर रात को उसकी रहस्यमयी तरीके से क्वार्टर में मौत हो गई थी। बिलासपुर पुलिस ने उक्त मामले की सूचना परिजनों को दी थी और पुलिस ने उक्त घटना को आत्महत्या का मामला बताया था, जिसके बाद मृतका के परिजनों ने बिलासपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाने के साथ ही उक्त मामले को मर्डर केस करार दिया है। 

राजनीतिक दबाव के चलते मामले को दबाने की कोशिश
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि उनकी बेटी का मर्डर हुआ है तथा इस मामले को बिलासपुर पुलिस राजनीतिक दबाव के चलते दबाने की कोशिश कर रही है तथा इस हत्या के मामले को आत्महत्या में तबदील कर रही है। पुलिस ने मंडी से फोरैंसिक टीम बुलाने का आश्वासन भी दिया लेकिन मंडी से फोरैंसिक टीम भी कई घंटे बाद पहुंची और फोरैंसिक टीम ने क्या जांच की उसे भी पुलिस ने नहीं बताया। यही नहीं, पुलिस ने उक्त घटना के एक सप्ताह बाद भी मृतका की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट उन्हें नहीं बताई है। उक्त सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए पुलिस की कार्रवाई भी संदेह के घेरे में है। 

पुलिस ने पहले भी खोला था दरवाजा
परिजनों ने आरोप लगाए कि जब 5 सितम्बर की रात को उनकी बेटी की मौत उसके क्वार्टर में होने की खबर बिलासपुर पुलिस ने उन्हें दूरभाष पर मिली, जिसके बाद 2 घंटे के भीतर वे बिलासपुर पहुंच गए। उस समय पुलिस ने बताया कि अब आप आ गए हैं तो क्वार्टर का दरवाजा खोलते हैं लेकिन वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि पुलिस ने पहले भी दरवाजा खोलकर बंद कर दिया था। जब परिजनों ने अंदर देखा तो उनकी बेटी डा. ज्योति ठाकुर मृत अवस्था में पाई गई। 


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