2009 में हिमाचल की इस दुर्गम पंचायत में लाखों रुपए से बना था पोलिंग स्टेशन, नहीं पड़ा एक भी वोट

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2017 - 12:31 AM (IST)

पालमपुर: समुद्रतल से 2650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कांगड़ा की अति दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में 2009 के लोकसभा के चुनावों में चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र स्थापित किया था लेकिन इस गांव में सैंचुरी एरिया के मसले और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर किए बहिष्कार के चलते एक मत भी नहीं पड़ा था। बैजनाथ विधानसभा से संबंधित इस पंचायत में उस समय चुनाव आयोग ने 4 बार हैलीकाप्टर के जरिये पोलिंग अधिकारियों व चुनाव से संबंधित सामान लाखों रुपए खर्च कर यहां पहुंचाया गया था परंतु वोटरों की नाराजगी से सारा इंतजाम धरा का धरा रह गया था। 

70 किलोमीटर पैदल चल कर मतदान करने जाते थे लोग
इससे पूर्व मतदान के लिए इस गांव के लोगों को 70 किलोमीटर पैदल चल कर वाया बरोट या फिर चम्बा के लंबे रास्ते बीड़ गांव आना पड़ता था जहां वह अपने मत का प्रयोग करते थे। इसी लंबी कसरत के चलते बहुत कम लोग ही मततदान कर पाते थे। लगभग 700 की आबादी वाले इस गांव में 200 से 250 वोटर हैं तथा इन सर्दियों के दिनों में 40 से 50 लोग ही इस गांव में रह जाते हैं जबकि अन्य लोग बीड़ व बरोट के इलाकों में वापिस आ जाते हैं।

वर्ष 2012 में बीड़ में बना था पोलिंग स्टेशन
वर्ष 2012 के विधानसभा के समय चुनाव आयोग ने बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग स्टेशन बीड़ में ही बनाने का आदेश दिया। वर्ष 2014 लोकसभा के चुनावों में भी इस दुर्गम क्षेत्र के लोगों के लिए मतदान केंद्र ने चुनाव आयोग ने बीड़ में ही रखा जिससे वहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इससे पूर्व वर्ष 2007 में भी बड़ा भंगाल में मतदान केंद्र स्थापित किया गया था जिसके लिए भी हैलीकाप्टर के माध्यम से पोलिंग पार्टियां वहां भेजी गई थी।  

इस बार भी बनेगा पोलिंग स्टेशन 
बड़ा भंगाल के लोगों की मांग पर चुनाव आयोग ने इस बार भी इस अति दुर्गम इलाके में पोलिंग स्टेशन बनाने की तैयारी की है। हैलीकाप्टर द्वारा इस क्षेत्र की रैकी कर पूरा इंतजाम सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि एक भी मतदाता मतदान से वंचित न रहे। ऐसे में 9 नवम्बर को मौसम ने साथ दिया तो वहां रह रहे सभी मततदाता अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News