धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष ने घेरी सरकार तो सत्ता पक्ष ने ऐसे दिया जवाब, पढ़ें खबर

punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2018 - 09:51 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): राज्यपाल के अभिभाषण पर वीरवार को सत्ता और विपक्ष के बीच खूब शब्दबाण चले। सत्ता पक्ष ने जहां अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश कर उसका समर्थन किया तो वहीं विपक्ष ने उसका कोई भी दृष्टिकोण न होने की बात को लेकर सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए। विपक्ष की तरफ से सी.एम. को भी यह कह कर घेरने का प्रयास किया गया कि उनके कामकाज में बाहर से दखलअंदाजी हो रही है। सदन में विपक्ष ने सरकार को सही राह पर चलने की सलाह दी तो वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से इसके जवाब में पूर्व कांग्रेस सरकार की नीतियों पर जमकर चोट की गई।

नई सरकार को संभल कर चलने की दी सलाह
धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही बहस के दौरान विपक्ष की तरफ से नई सरकार को संभल कर चलने की नसीहतों में यह भी बताया गया कि 2022 में रिपीट करना मुश्किल हो जाएगा। प्रारंभिक तौर पर सरकार की तरफ से कोई ठोस दृष्टिकोण न आने के साथ-साथ बेरोजगारों को रोजगार देने तथा प्रदेश के आर्थिक संकट को दूर करने की चुनौतियों से भी सत्ता पक्ष को अवगत करवाकर यह बताने का प्रयास किया गया कि सरकार चलाना काफी कठिन कार्य है। विपक्ष ने अपने तेवरों से यह दर्शाने का प्रयास किया कि आने वाले दिनों में सरकार की घेराबंदी तेज होगी। प्रदेश के कई मुद्दों पर सरकार को भी कांटों भरी राह पर चलना होगा।

15 वर्ष के दावे करने वाले पहले 5 वर्ष तो सही ढंग से निकालें : हर्षवर्धन चौहान
कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सदन में कहा कि 15 वर्ष तक सत्ता में बने रहने के दावे करने वाले पहले 5 वर्ष तो सही ढंग से निकालें। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बारी-बारी से सत्ता बदलती रही है उसको भी सरकार को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पूर्व सरकार की कई उपलब्धियां रहीं लेकिन भ्रामक प्रचार की वजह से नतीजे उलटे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पिछली सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को चलाए न कि बंद करे। विपक्ष तभी सहयोग करेगा जब सरकार बेहतर कार्य करेगी। कांग्रेस विधायक ने कुछ दस्तावेज दिखाकर विधायक निधि के दुरुपयोग पर जांच की मांग भी की।

सत्ता में आते ही खाली खजाने का राग आलापना सही नहीं : जगत सिंह नेगी
कांग्रेस के विधायक जगत सिंह नेगी ने सरकार पर कानून व्यवस्था में विफल रहने के आरोप लगाए। नेगी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में कानून व्यवस्था की विफलताएं देखने को मिलीं। उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों के बाद उनके क्षेत्र में कई पट्टिकाएं तोड़ दी गईं। सरकार के आते ही जिस तरीके से ऐसे कार्य होने लगे, उससे लोगों में नाराजगी बढऩे लगी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि सत्ता में आते ही खजाना खाली होने का राग आलापना सही नहीं है।

खाली खजाने की जानकारी जनता को देना जरूरी : परमार
धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए  स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने पूर्व सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि जगह-जगह संस्थान खोलने से प्रदेश की वित्तीय हालत खराब हुई है। यदि पूर्व सरकार सही निर्णय लेती तो प्रदेश विकास के मामले में अग्रणी हो सकता था। उन्होंने 14वें वित्त आयोग में प्रदेश को दी गई उदार सहायता के लिए केंद्र का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि यदि यह सहायता नहीं मिलती तो प्रदेश और भी कर्जदार हो जाता। उन्होंने कहा कि प्रदेश का खजाना इस तरह से खाली है, जिसकी जानकारी जनता को देना बेहद जरूरी है। इसमें कोई भी बुराई नहीं है। विपक्ष का इस पर एतराज जताना सही नहीं है। इस दौरान  विधायक बलबीर सिंह चौधरी, विधायक नरेंद्र ठाकुर, जे.आर. कटवाल, राकेश जम्वाल और निर्दलीय होशियार सिंह सहित कई अन्य विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सरकार की नीतियों की सराहना की।

राणा ने उठाया बेसहारा पशुओं और बंदरों का मामला
कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने बेसहारा पशुओं और बंदरों का मामला उठाते हुए कहा कि सरकार को इसके हल के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने वृद्धावस्था पैंशन की आयु सीमा को कम करने के फैसले को सही कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह केंद्र सरकार से राज्य के लिए वित्तीय सहायता और औद्योगिक पैकेज लाए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के दौरान केंद्र सरकार से कोई सहयोग नहीं मिला। राणा ने कहा कि बदले की भावना से सरकार को काम नहीं करना चाहिए बल्कि विकास की राह पर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वालों को गरीबी, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार दूर करने की बात करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त विधायक इंद्रदत्त लखनपाल व कर्नल धनीराम शांडिल ने भी सदन में विचार रखे।

जब सदन में टकरावपूर्ण हो गई स्थिति
बहस के दौरान भोजनावकाश के बाद स्थिति उस समय टकरावपूर्ण हो गई जब विपक्ष तो सदन में पहुंच गया लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से काफी सदस्य गैर-मौजूद थे। खासकर पूरा मंत्रिमंडल नदारद था। मामला विपक्ष ने उठाया तो विस अध्यक्ष को कुछ समय के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। करीब 15 मिनट के बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई। विपक्ष ने कुछ मुद्दों पर नाराजगी भी जताई। सदन की कार्यवाही शुक्रवार को जारी रहेगी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बहस का उत्तर देंगे।


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