हिमाचल के इस जिला में बैंकों का NPA पहुंचा 311 करोड़, हर किसी की जिंदगी पर असर

punjabkesari.in Monday, Feb 19, 2018 - 09:42 AM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): देशभर में एन.पी.ए. और बैड लोन को लेकर हंगामा मचा हुआ है। बड़े-बड़े डिफॉल्टर्स मजे से बैंकों को लूटकर रफूचक्कर हो रहे हैं। शायद ही कोई शहर या कस्बा ऐसा बचा हो, जहां बैंकों से बड़ी राशि कर्ज के रूप में लेकर उसे लौटाने में आनाकानी करने वालों की कोई कमी हो। जिला ऊना की बात करें तो यहां सभी बैंकों का एन.पी.ए. 311 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। जिला के सभी बैंकों द्वारा दिए गए ऋणों में अनुपात के हिसाब से एन.पी.ए. है, लेकिन इसमें कांगड़ा बैंक की भागीदारी भी काफी अधिक है। यानी कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा दिए गए ऋणों का एन.पी.ए. बढ़ता जा रहा है। 


जिला में सभी बैंकों ने 3 हजार करोड़ रुपए के ऋण आबंटित किए हैं। ऋणों की वापसी समय पर न होने के चलते उसे एन.पी.ए. में शामिल किया जा रहा है। एन.पी.ए. यानी नॉन-परफार्मिंग एसैट्स ऐसा ऋण होता है, जिसे बैंक वापस नहीं ले पाता है। इसे बैड लोन की श्रेणी में भी रखा जाता है। कांगड़ा बैंक के पैंशनर्ज वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष व पूर्व ए.जी.एम. एस.एन. शुक्ला ने कहा कि बैंक का एन.पी.ए. बढ़ने का मामला गंभीर है। सभी बैंक ब्रांचों का ऑडिट व इंस्पैक्शन होनी चाहिए कि कितने ऋण दिखाए गए हैं और वास्तविक स्थिति क्या है। 


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