गुड़िया मामला : अब SC आयोग की सदस्य ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए ये सवाल

punjabkesari.in Sunday, Aug 13, 2017 - 10:50 PM (IST)

शिमला: शिमला पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवालों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। पुलिस पर एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं। अब अनुसूचित जाति आयोग की राष्ट्रीय सदस्य डा. स्वराज विद्वान ने कोटखाई में गुड़िया गैंगरेप और मर्डर मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। शिमला में रविवार को आयोजित प्रैस सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनेताओं के इशारे पर इस केस को दबाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक मिल रहे प्रमाणों से यह साबित होता है कि पहले पुलिस ने इस केस की मनगढ़ंत कहानी बनाई। बाद में पुलिस लॉकअप में आरोपी की हत्या होने की घटना घट जाती है जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आना लाजमी है। उन्होंने कहा कि इस घटना के आरोपी नेपाली की हत्या पुलिस लॉकअप में की गई है। इस घटना को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। 

एस.पी. स्तर के अधिकारी केस से क्यों हटाया?
उन्होंने कहा कि वह स्वयं गुड़िया के गांव गईं और वहां लोगों से बातचीत की। इस दौरान लोगों का कहना था कि जब तक डी.एस.पी. स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे, जांच सही दिशा में चल रही थी लेकिन किसी राजनीतिक दवाब के चलते उन्हें इस केस से हटा दिया गया। उन्हें इस केस से क्यों हटाया यह भी एक प्रश्न पैदा करता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही एस.आई.टी. का गठन हुआ, जांच की दिशा ही बदल गई। उनका कहना था कि एस.आई.टी. ने तो पूरी कहानी फिल्मी स्टाइल में तैयार की है जिसमें लगता है असली मुजरिमों को इस कहानी से दूर रखा गया और उसकी जगह दूसरों को ही पकड़ लिया है। 

लोगों को अब सी.बी.आई. पर भरोसा
उन्होंने कहा कि लोगों के रोष के बाद सरकार जागी अब इस मामले की जांच सी.बी.आई. कर रही है और उम्मीद है कि वह इसकी सही जांच करेगी और दूध का दूध और पानी का पानी होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की भी इस घटना पर नजर है और राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है। उन्होंने कहा कि वे भी अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगी और मामले को लेकर जो बयान दर्ज किए गए हैं, उन्हें सौंपा जाएगा।


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