अब HPBL बेचेगी शराब, यहां मिली है 'Bar' खोलने की अनुमति

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2017 - 02:56 PM (IST)

ऊना: हिमाचल का यह जिला पहली बार शराब के लिए पूरी तरह से 'ड्राई' रहा है। शराब के ठेकों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक नई शर्तें निर्धारित की गई राशि का अत्यधिक होना इनके आबंटन में प्रमुख रोड़ा बन गया है। अब जिला ऊना में शराब की बिक्री हिमाचल प्रदेश बैवरेजेज लिमिटेड (एच.पी.बी.एल.) द्वारा की जाएगी। हालांकि 16 दिन के बाद भी न तो शराब के ठेके खोलने के लिए स्थल निर्धारित हो पाए हैं और न ही इन्हें सरकारी व गैर-सरकारी स्तर पर खोला जा सका है। 31 मार्च को पुराने ठेकों की अवधि समाप्त हो चुकी है।


एच.पी.बी.एल. ने ठेकों के संचालन का निर्णय लिया
नए वित्तीय वर्ष के लिए शराब के ठेकों के आबंटन के लिए करीब 5 बार नीलामी प्रक्रिया रखी गई परंतु वह सफल नहीं हो पाई। जिला में शराब के ठेकों के लिए 90.50 करोड़ रुपए की बोली निर्धारित की गई थी। यानी इस राशि या इससे अधिक के आधार पर ही ठेकों को नीलाम किया जाना था। करीब 20 करोड़ रुपए के शराब के ठेकों की बोली ही लगाई गई जबकि 50 करोड़ रुपए के लिए कोई इच्छुक पार्टी आगे नहीं आई। इसके बाद सरकार ने एच.पी.बी.एल. की ओर से ही ठेकों के संचालन का निर्णय लिया है। हालांकि इस संबंध में भी कोई पॉलिसी अभी तक नहीं बन पाई है और न स्थल तय हो पाए हैं। 


एक होटल में मिली है 'बार' खोलने की अनुमति
शराब के लिए 'ड्राई' होने से महिलाएं और वे लोग खुश हैं जो शराब के शौकीन नहीं हैं। इससे खर्च की जाने वाली राशि की भी बचत हो रही है। कुछ लोग पॉलिसी को सही मान रहे हैं जबकि कुछ के लिए यह बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। अब तो नैशनल हाईवे से 220 मीटर दूर ही शराब के ठेके खोले जा सकेंगे। इसी प्रकार जिला के होटल और बार भी शराब के लिए पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। हाल ही में केवल एक ही होटल को बार खोलने की अनुमति मिली है। यहां हमीरपुर रोड जिसे स्टेट हाईवे से जिला रोड का दर्जा दिया जा चुका है। इन सभी में से एक की शर्त को पूरा करने के चलते ही उसे बार खोलने की अनुमति दी गई है। 


चोरी-छिपे बिक रही शराब
अभी तक जिला में सिर्फ 2 ठेके ही पुराने लाइसैंस धारकों ने रोजाना फीस जमा करवाने की शर्त पर चला रखे हैं। ये ठेके भी निर्धारित मापदंडों को पूरा करने के बाद ही चालू किए गए हैं। इनकी अवधि भी रविवार को खत्म हो जाएगी। शराब के ठेके न होने की वजह से चोरी-छिपे तस्करी से लाई गई शराब ही बिक रही है। ठेके बंद होने से जहां सरकार के राजस्व को चपत लगी है, वहीं इसके लिए लोग इधर-उधर से जुगाड़ में लगे हुए हैं। 


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