IPH विभाग के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर को नोटिस जारी, जानिए क्यों

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 12:50 AM (IST)

ऊना: जिला की बड़ी सिंचाई योजना में खामियों को लेकर आई.पी.एच. विभाग के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर (एस.ई.) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जांच के बाद बीत एरिया इरीगेशन स्कीम में नियमों की अवहेलना करने पर एस.ई. की जवाबतलबी कर ली गई है। करीब 44 करोड़ रुपए का यह प्रोजैक्ट विवादों में आ गया है। विभागीय अधिकारियों ने नियमों की अवहेलना कर पर्कुलेशन वैल की जगह 18 ट्यूबवैल लगा दिए हैं। मंजूर हुए प्रोजैक्ट में इन ट्यूबवैल को मंजूरी ही नहीं बल्कि उसकी जगह पर्कुलेशन वैल स्थापित करने को स्वीकृति मिली थी। परियोजना को लेकर कई और भी तकनीकी पहलुओं पर विभाग से जवाबतलबी की गई है। इस मामले में जांच के बाद एस.ई. आई.पी.एच. ऊना एन.के. त्रिवेदी पर कार्रवाई के बादल मंडराने लगे हैं। विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूरे मामले पर जवाबदेही मांगी है। जांच की रिपोर्ट सैक्रेटरी आई.पी.एच. विभाग अनुराधा ठाकुर को सौंपी गई है।

9 गांवों की 1122 हैक्टेयर भूमि को सिंचित किए जाने का है लक्ष्य
जिला ऊना की सबसे बड़ी सिंचाई जल योजना के तहत 9 गांवों की 1122 हैक्टेयर भूमि को सिंचित किए जाने का लक्ष्य है। इसका कार्य अभी चल रहा है। स्वां नदी के निकट से पानी उठाकर बीत एरिया को सिंचित किए जाने की योजना है। इस योजना के तहत मिली मंजूरी में ट्यूबबैलों की जगह पर्कुलेशन वैल स्थापित किए जाने थे। इसका उद्देश्य यह था कि ग्राऊंड वाटर को ट्यूबवैलों के जरिए उठाने की बजाय इसे पर्कुलेशन वैल के जरिए उठाया जाता। पानी उठाने की यह अलग प्रकार की तकनीक है जिसमें भू जल स्तर कम होने का खतरा नहीं होता है। 

विभाग ने प्रोजैक्ट को दरकिनार करते हुए स्थापित किए ट्यूबवैल 
तकनीकी तौर पर इस प्रोजैक्ट को पर्कुलेशन वैल के लिए ही मंजूर किया गया था। विभाग ने इस प्रोजैक्ट को दरकिनार करते हुए ट्यूबवैल स्थापित कर दिए। एक नहीं बल्कि 18 ट्यूबवैल लगाकर पानी को डिस्ट्रिब्यूशन पाइपों के जरिए खेतों तक पहुंचाने का प्रोजैक्ट बना दिया। इसी मामले को लेकर जांच हुई तो यह मामला सामने आया है। इस मामले में किस-किस स्तर पर खामियां रही हैं इसको लेकर आने वाले दिनों में जांच और भी तेज हो सकती है जिसमें कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। आखिर प्रोजैक्ट की अनदेखी क्यों की गई यह बड़ा सवाल बन गया है। 

अध्ययन करने के बाद ही पता चलेंगी कमियां 
आई.पी.एच. विभाग के इंजीनियर इन चीफ अनिल वहरी ने माना कि इस मामले को लेकर जांच रिपोर्ट आई है। इसी आधार पर ऊना स्थित विभाग के एस.ई. एन.के. त्रिवेदी से जवाबतलबी की गई है। उन्होंने कहा कि वह पूरी जांच रिपोर्ट अभी पढ़ नहीं पाए हैं। अध्ययन करने के बाद ही पता चलेगा कि प्रोजैक्ट रिपोर्ट और स्थापित की गई परियोजना में क्या-क्या कमियां रही हैं। 


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