कहीं वजूद न खो दे ऐतिहासिक झील

punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2017 - 12:08 PM (IST)

नेरचौक: ऐतिहासिक नलसर झील के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रशासन के प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं। स्थानीय जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा झील के सौंदर्यीकरण के लिए संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी गई थीं, जिसके लिए जिला प्रशासन सहित एस.डी.एम. बल्ह, बी.डी.ओ. बल्ह तथा स्थानीय पंचायत ने संयुक्त रूप से कार्य करना शुरू किया था। मगर लगभग 6 महीने का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक झील के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रशासन कोई योजना नहीं बना पाया है। 


स्थानीय पंचायत के प्रयास नाकाफी
ऐतिहासिक नलसर झील का सौंदर्यीकरण करना पंचायत के बस से बाहर हो गया है। झील करीब 50 बीघा भूमि पर है, इतनी बड़ी झील के वजूद को बनाए रखने के पंचायत के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। पंचायत ने झील के वजूद को बनाए रखने के लिए मनरेगा के तहत लगभग 50 लाख का प्रस्ताव पंचायत की आम सभा की बैठक में पारित किया है। पंचायत सिर्फ  गाद निकालने और साफ-सफाई के लिए धन का प्रावधान कर पाती है। 


सौंदर्यीकरण से बढ़ेगी सैलानियों की आमद
नलसर झील मंडी का सबसे बड़ा नजदीकी व सुविधाजनक स्थान सैलानियों के लिए होगा। यदि प्रशासन झील का आधुनिक ढंग से सौंदर्यीकरण करवाता है तो इससे प्रशासन को राजस्व प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार मिलेगा। 


धार्मिक आस्था से जुड़ा है झील का इतिहास
दंतकथाओं के मुताबिक पांडवों ने वनवास के दौरान यहां रात्रि विश्राम किया था। हर वर्ष झील के पास नलसर ग्रामीण मेले का भी आयोजन किया जाता है। मेला बैसाखी से दूसरे दिन होता है, जिसमें आसपास के सभी देवी-देवता शिरकत करते हैं। 


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