राष्ट्रव्यापी हड़ताल: सरकार को जगाने सड़कों पर उतरे आंगनबाड़ी वर्कर (Watch Video)

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 05:12 PM (IST)

मंडी (नीरज): देश भर की लाखों आंगनबाड़ी, मिड-डे-मिल और आशा वर्कर बुधवार को हड़ताल पर रही। हिमाचल प्रदेश सहित मंडी जिला में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिला। मंडी जिला मुख्यालय पर जिला भर से हजारों की संख्या में आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, मिड-डे-मिल और आशा वर्करों ने सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। यह सभी खुद को सरकारी कर्मचारी घोषित करवाने की मांग कर रही हैं। इनका कहना है कि 2013 में हुए श्रम सम्मेलन में इनके हक में जिन सिफारिशों को भारत सरकार ने माना था उन्हें आज दिन तक लागू नहीं किया गया है। इन्होंने भारत सरकार और राज्य सरकारों से इन सिफारिशों को लागू करवाने की मांग उठाई है। 
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आंगनबाड़ी हेल्पर्ज एंड वर्कर्ज यूनियन की जिला प्रधान सुमित्रा देवी ने बताया कि मौजूदा सरकार ने इस सिफारिशों में कुछ बदलाव करके इन्हें लागू करवाने की बात कही थी लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है। इन्होंने मांग उठाई है कि आंगनबाड़ी, मिड-डे-मिल और आशा वर्करों को वेतनभोगी बनाकर सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। जब तक सरकार ऐसा नहीं करती है तब तक हरियाणा की तर्ज पर मानदेय और सुविधाएं देने की व्यवस्थाएं की जाएं। इन्होंने एनआरएचएम के तहत इनके लंबित पड़ी अदायगी को भी जल्द से जल्द अदा करने की गुहार लगाई है। साथ ही इनका कहना है कि सभी वर्करों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेचुटी की सुविधा दी जाए और नीजिकरण की प्रथा को बंद किया जाए। मंडी जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने के बाद इन्होंने डीसी मंडी के माध्यम से अपना एक ज्ञापन केंद्र और राज्य सरकारों को भेजकर उसपर तुरंत कार्रवाई की मांग उठाई है।


हमीरपुर
केंद्र सरकार के खिलाफ हमीरपुर गांधी चौक पर सीटू कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी वर्कर ने धरना प्रर्दशन किया। सरकार के फैसले 30 नबम्बर 2018 के बाद आगंनबाड़ी केन्द्र बन्द करने पर वर्कर उग्र हो गए हैं। इसलिए इस फैसले का सीटू विरोध कर रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर ने भोटा चौक से लेकर गांधी चौक तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 
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नाहन
प्रदेशव्यापी आह्वान पर नाहन में सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी और मिड-डे मील कार्यकर्ताओं ने जिला स्तर पर प्रदर्शन किया। लोगों ने मुख्य बस स्टैंड से लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली और उपायुक्त के जरिए प्रधानमंत्री को मांग पत्र भेजा। आंगनबाड़ी और मिड-डे मील कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार द्वारा उन्हें नाममात्र का वेतन दिया जा रहा है, जिससे महंगाई के दौर में परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनको 22 हजार जबकि  सहायिका को 15 हजार का वेतन दिया जाए। सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इन मांगो को लंबे समय से उठाया जा रहा है लेकिन इस और गौर नहीं किया जा रहा है।  


ऊना
आंगनबाड़ी और मिड-डे-मिल वर्कर ने अपनी मांगों को लेकर सीटू के बैनर तले रोष प्रदर्शन किया। जिला भर से शामिल हुए वर्करों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए केंद्र सरकार के विरोध में रोष रैली निकाल जमकर नारेबाजी की। रोष रैली एमसी पार्क ऊना से मेन बाजार होते हुए मिनी सचिवालय में जाकर संपन्न हुई। सीटू के जिला सचिव ने केंद्र सरकार पर आंगनबाड़ी और मिड-डे-मिल वर्कर्स के खिलाफ साजिश रचकर बाहर करने का आरोप लगाया। सीटू ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।  


कांगड़ा
कांगड़ा मुख्यालय धर्मशाला में केंद्र सरकार की अनदेखी के खिलाफ करीब डेढ़ हजार मिड-डे मील और आंगनबाड़ी वर्कर्स ने गांधी चौक से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। उन्होंने उपायुक्त के माध्यम से अपनी मांगों का डिमांड चार्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा। हड़ताली वर्कर्स न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी और नियमित करने की मांग कर रहे हैं। भाजपा ने चुनाव से पहले महिलाओं को सम्मानजनक वेतन देने की बात कही थी, लेकिन साढ़े तीन साल के कार्यकाल के बाद भी वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा की अगर केंद्र सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।


सोलन 
सोलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा।


रामपुर बुशहर
रामपुर में भी आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्ज ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि महिलाओं का सरकार शोषण कर रही है। उन्होंने बताया कि वे न्यूनतम वेतन 8 हजार की मांग कर रही है। वर्तमान में उनको 3 हजार और मिड-डे मील को 1500 दिया जा रहा है। वे सामाजिक सुरक्षा जिसमें पेंशन और अन्य सुविधाएं जो सरकारी कर्मी को मिलती है मांग कर रहे हैं। मिड डे मील वर्कर कौशल्य ने बताया कि सरकार उनके साथ विश्वासघात कर रही है। उन्हें 1500 रुपए मासिक दिया जा रहा है, जिससे उनका गुजारा मुमकिन नहीं। 


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