नगर निगम के लिए Oakover में जुटे कांग्रेसी पार्षद, CM से की मुलाकात
punjabkesari.in Monday, Jun 19, 2017 - 09:00 AM (IST)
शिमला: नगर निगम पर बीजेपी के काबिज होने के सपने को पूरा न होने देने के लिए कांग्रेस ने भी कमर कस ली है। इस कड़ी के तहत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ कांग्रेस समर्थित नवनिर्वाचित पार्षदों की ओकओवर में महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी भाग लिया। यहां नगर निगम चुनाव में पार्टी के बहुमत का आंकड़ा न छू पाने के कारणों की समीक्षा की गई, साथ ही नवनिर्वाचित पार्षद शपथ ग्रहण से पहले एक बार फिर से मुख्यमंत्री के साथ मंत्रणा करेंगे। इस तरह कांग्रेस ने नगर निगम बनाने को लेकर अपने विकल्पों को खुला रखा है। ऐसे में पार्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार सकती है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित पार्षदों को जीत की बधाई दी तथा पार्टी के साथ चलने के लिए उनकी सराहना की।
कांग्रेस के पास नगर निगम को लेकर सभी विकल्प खुले
उन्होंने सभी पार्षदों को एकजुट रहने की सलाह दी, ताकि निगम में पार्टी के काबिज होने की संभावनाओं को तलाशा जा सके। हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि शिमला में उनकी पार्टी का नगर निगम बनने की पूरी संभावना है। उनका तर्क है कि जनता ने खंडित जनादेश दिया है और कई पार्षद कांग्रेस से संपर्क में हैं। ऐसे में कांग्रेस का मेयर बन सकता है। उन्होंने फेसबुक पर यह टिप्पणी करते हुए अंत में जय श्रीराम भी लिखा है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं महासचिव नरेश चौहान ने संपर्क करने पर बताया कि कांग्रेस के पास नगर निगम को लेकर सभी विकल्प खुले हैं। कांग्रेस जादुई आंकड़े के करीब है। जनता ने भाजपा को भी स्पष्ट जनादेश नहीं दिया है और न ही चुनाव पार्टी सिंबल पर हुए हैं।
पार्षदों को शिमला से गुपचुप बाहर ले गई भाजपा
31 साल के लंबे अंतराल के बाद शिमला नगर निगम में जीत का परचम लहराने वाली भाजपा की तरफ से निर्वाचित पार्षदों को शिमला से बाहर ले जाने की सूचना है। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने ऐसा खरीद-फरोख्त के डर से किया है। इन सभी पार्षदों के शपथ ग्रहण से पहले शिमला पहुंचने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार जीत के बाद जब भाजपा के पार्षद पार्टी कार्यालय दीपकमल पहुंचे तो वहां पर बैठक के बाद उन्हें शिमला से बाहर ले जाया गया। पार्षदों को सोलन से नाहन या फिर चंडीगढ़ की तरफ ले जाया गया। पार्टी को खरीद-फरोख्त के अलावा कुछ पार्षदों के पाला बदलने का भी डर है जिसे देखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
मेयर पद प्रत्याशी चयन के लिए भी अब नया मोड़ आया
मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव आज संभव नजर नहीं आ रहा। पार्षद सोमवार को शपथ लेंगे। इसके बाद मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव की संभावना इसलिए कम है, क्योंकि इसके लिए 3 चौथाई बहुमत यानी 26 सदस्यों का उपस्थित होना अनिवार्य है। इस समय 3 चौथाई बहुमत किसी एक दल के पास नहीं है। मेयर पद प्रत्याशी चयन के लिए भी अब नया मोड़ आ गया है। पहले इस पद को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित बताया था, लेकिन अब इसे अनुसूचित जाति श्रेणी के लिए आरक्षित बताया गया है। यानी अब मेयर पद के लिए अनुसूचित जाति पुरुष या महिला से ही चयन किया जाएगा। ऐसे में भाजपा में इस पद के लिए कुसुम सदरेट के अलावा जगजीत सिंह बग्गा, बिट्टू कुमार पाना और पूर्ण मल का नाम भी जुड़ गया है। इसके विपरीत डिप्टी मेयर पद के लिए राकेश कुमार शर्मा, संजीव ठाकुर, शैलेंद्र चौहान और सत्या कौंडल का नाम लिया जा रहा है। शहर विकास विभाग के निदेशक डी.के. गुप्ता ने संपर्क करने पर बताया कि नगर निगम में मेयर एस.सी. वर्ग से बनेगा। ऐसे में पार्षद एस.सी. पुरुष व महिला दोनों हो सकते हैं।
यह है विकल्प
कांग्रेस समर्थित 12 पार्षदों के अलावा उसे 3 निर्दलीय व 1 माकपा समॢथत पार्षद का समर्थन है। इसे जोड़कर आंकड़ा 16 बन रहा है। इस स्थिति में यदि कांग्रेस भाजपा समॢथत पार्षदों को तोडऩे में सफल रहती है तो उसका नगर निगम बन सकता है। इसके लिए पार्टी ऐसे पार्षदों को मेयर व डिप्टी मेयर के पद की पेशकश कर सकती है।
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