नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ मामले में कलयुगी बाप को अदालत ने सुनाई 3 साल की सजा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 01:45 PM (IST)

धर्मशाला : उपमंडल धर्मशाला के एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग भतीजी से दुराचार करने पर 10 साल कठोर कारावास व 25 हजार रुपए की सजा सुनाई गई। इसी मामले में अपनी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ मामले में सौतेले बाप को 3 साल कठोर कारावास की सजा हुई है। लोक अभियोजक कपिल देव शर्मा ने बताया कि विसनु राम व प्रमोद के खिलाफ महिला साहित्यकार संस्था द्वारा 17 अक्तूबर, 2014 को यह मामला उठाया गया था, जिसमें आरोप था कि उक्त व्यक्ति की पत्नी की मृत्यु के बाद प्रमोद अपनी बड़ी बेटी जोकि नाबालिग है के साथ जबरन शारीरिक छेड़छाड़ करता है। जब नाबालिग ने यह बात अपने चाचा विसनु को बताई तो चाचा उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसके बाद लगातार 10 वर्ष तक दोषी चाचा नाबालिगा को अपनी हवस का शिकार बनाता रहा।

अदालत में 17 गवाह पेश किए
इसके बाद पीड़िता ने अपने स्कूल की प्रधानाचार्य को इस मामले से अवगत करवाया, प्रधानाचार्य व महिला साहित्यकार संस्था के पदाधिकारियों ने पुलिस थाना में मामला दर्ज करके पीड़िता के बयान दर्ज करवाए गए। पीड़िता के आरोपों के आधार पर विसनु व प्रमोद के खिलाफ पुलिस थाना में पोक्सो एक्ट और अन्य विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस जांच टीम और फोरैंसिक लैब धर्मशाला की टीम ने भी प्रमोद के घर से जरूरी साक्ष्य जुटाए। विशेष जज एवं सत्र न्यायाधीश राजेश तोमर के विशेष अदालत में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 17 गवाह पेश किए गए।
 

25 हजार रुपए जुर्माना लगा 
गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने विसनु राम को 10 साल कठोर कारावास व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा ने करने की सूरत में 6 साल का अतिरिक्त कारावास होगा। इसी मामले में अपनी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ मामले में सौतेले बाप को 3 साल सश्रम कारावास की सजा हुई है। पीड़ित नाबालिगा को जुर्माने की राशि मुआवजा के तौर पर दी जाएगी।


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