700 करोड़ से सुधरेगी हिमाचल के किसानों की आजीविका

punjabkesari.in Sunday, Feb 18, 2018 - 01:02 AM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 700 करोड़ रुपए की स्रोत स्थिरता तथा जलवायु पर आधारित कृषि एकीकृत विकास परियोजना (आई.डी.पी.) से किसानों की आजीविका में सुधार होगा। उन्होंने यह बात विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल तथा परियोजना अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही। बैठक में रंजन समान्तरे व कृस जैक्सन की अध्यक्षता में विश्व बैंक के दल ने परियोजना के बारे जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित की जाने वाली यह परियोजना अप्रैल माह में शुरू हो जाएगी। इससे निश्चित तौर पर प्रदेश में वर्षा जल पर निर्भर खेतिहरों की स्थिति में बदलाव आएगा। 

किसानों की आय में होगी दोगुनी वृद्धि 
यह परियोजना कृषि प्रचलन तथा संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि करेगी। विश्व बैंक की इस परियोजना के क्रियान्वयन में व्यय का 80 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार तथा 20 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस परियोजना से लघु किसानों को जोड़ा जाएगा तथा ग्रामीण युवाओं को विभिन्न आजीविका गतिविधियों के बारे प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि परियोजना से मौजूदा जल स्रोतों का भी सुदृढ़ीकरण होगा, जिनकी उत्पत्ति मुख्यत: ऊंचे जल ग्रहण तथा वन क्षेत्रों से होती है। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शून्य लागत प्राकृतिक खेती के स्वप्न को साकार करने में भी सहायक सिद्ध होगी क्योंकि परियोजना के क्रियान्वयन से प्रदेश में यह खेती और भी प्रचलित होगी। 

बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, भाजपा राज्य अध्यक्ष सतपाल सत्ती, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन तरुण कपूर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल डा. जी.एस. गोराया व मुख्य परियोजना निदेशक डा. वी.आर. सिंह व क्षेत्रीय परियोजना निदेशक पवनेश शर्मा सहित अन्य  उपस्थित रहे।


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