कोटरोपी हादसा: पति को पहले ही खो चुकी ये महिला करती रही बस स्टैंड पर बच्चों का इंतजार, लेकिन...

punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2017 - 11:08 AM (IST)

मंडी: मंडी जिला के कोटरोपी में हुए इस भयानक हादसे ने बहुत से परिवारों को कभी न भूलने वाले जख्म दे दिया है। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन बच्चे दब गए हैं। तीनों बच्चों की मां का रो-रो कर बुरा हाल है। यह विधवा मां रामशीला निवासी मौहली देवी अपने जिगर के तीन टुकड़ों को तलाशने के लिए कोटरोपी पहुंची है। वह अपने बच्चों की सलामती की दुआ मांग रही है। अभी तक उनके बच्चों का कोई पता नहीं चल सका है। वह चंबा से लौट रही अपनी 2 बेटियों मुस्कान और पलक तथा दूसरी कक्षा में पढऩे वाले बेटे अरमान का कुल्लू में इंतजार कर रही थी। जब गाड़ी नहीं आई तो वह बस अड्डे पर पहुंच गई। वहां पता चला कि चंबा से आने वाली बस तो अभी आई ही नहीं लेकिन उसे क्या पता था की जिस बस का वह इंतजार कर रही है वह अब कभी नहीं आने वाली। PunjabKesari
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चाची के साथ बस में आ रहे थे घर वापिस 
मौहली देवी एल.आई.सी. में काम करती है। उसकी शादी चम्बा जिला के हुटा गांव में हुई थी। 2 वर्ष पूर्व उसके पति निलक शर्मा की भी हादसे में मौत हो चुकी है। उसके तीनों बच्चे छुट्टियों में अपनी दादी के पास गांव गए हुए थे। उन्हें छोड़ने के लिए उनकी चाची गीता भी उनके साथ बस में आ रही थी जोकि हादसे का शिकार हो गई। अब मौहली देवी अपने परिजनों के साथ कोटरोपी में मलबे में दबे अपने जिगर के टुकड़ों को ढूंढ रही है जो शायद अब इस दुनिया में नहीं हैं। चंबा की रहने वाली माली देवी कुल्लू में एलआईसी में जॉब करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही हैं। माली देवी की दो बेटियों मुस्कान और पलक तथा बेटा अरमान छुट्टियां मनाने चंबा अपने दादा-दादी के पास गए हुए थे। ये बच्चे अपनी चाची गीता के साथ चंबा से मनाली जा रही एचआरटीसी की बस में वापिस अपनी मां के पास आ रहे थे।  
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पहले बेटी का शव निकाला फिर दामाद की तलाश
वहीं जोगिंद्रनगर के जिमजिमा निवासी ज्ञान चंद की बेटी भी इस हादसे का शिकार हो गई। उसकी बेटी रुचि और उसकी सहेली नेहा अपने जीजा प्रेम सिंह के साथ चंडीगढ़ में एम.सी.ए. की एडमिशन के लिए गई थी। वापस लौटने पर मंडी से उसने ज्ञान चंद को फोन किया था कि वे मनाली कटड़ा बस में बैठ गए हैं। इसी बीच रात सवा 12 बजे यह हादसा हो गया और वह तुरन्त घटनास्थल पर पहुंच गए। ज्ञान चंद ने स्वयं अपनी बेटी का शव बस से बाहर निकाला। बेटी और उसकी सहेली के शव एंबुलैंस में रखने के बाद वह लापता दामाद को तलाशने लगा। उसने बताया कि छोटी बेटी इस हादसे का शिकार हो गई जबकि बड़ी बेटी का पति अभी लापता है जबकि उसकी बड़ी बेटी गर्भवती है।
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2 दोस्तों ने बचाई युवती की जान
उधर, नारला निवासी नितिक कु मार जो काजा में बतौर कांस्टेबल तैनात है आजकल छुट्टियां लेकर घर आया है जबकि दूसरा देवेंद्र जो वन रक्षक है दोनों के साहस और सूझबूझ ने बस में फंसी एक युवती की जान बचा दी। वे दोनों शनिवार रात को ग्वाली में आयोजित एक जगराते में गए हुए थे। इसी बीच पंजाब से आए 2 बाइक सवारों ने बताया कि पीछे पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं और सवारियों से भरी एक बस मलबे की चपेट में आ गई है। यह सुनते ही नितिन व देवेंद्र गांव के अन्य लोगों को साथ लेकर 10 मिनट के अंदर घटना स्थल पर पहुंचे और वहां पर बस के बाहर छिटके लहूलुहान घायलों को उठाकर निजी वाहनों के माध्यम से अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। इस बीच बस के अंदर एक युवती मदद के लिए चीख रही थी। उसकी टांगें अगली सीट के नीचे फंसी हुई थीं। इसी बीच मंडी मुख्यालय से प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और लोहे के कटर आदि से घायल युवती को बाहर निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया।
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