देवता के गुर के घर में रखा जाता है अरबों का चढ़ावा, सुरक्षा की नहीं कोई भी व्यवस्था

punjabkesari.in Friday, Nov 24, 2017 - 10:50 AM (IST)

गोहर: मंडी जिला के प्रसिद्ध देव कमरूनाग की संपत्ति की रक्षा सदियों से रामभरोसे है। कमरूनाग देवता के प्रति आज प्रदेश ही नहीं, देश के कई राज्यों के लोगों में आस्था है और इसी के चलते हर साल यहां मंदिर में अरबों का चढ़ावा चढ़ता है लेकिन देवता का यह पैसा कहीं भी सुरक्षित नहीं है। देव कमरूनाग के चढ़ावे को ये लोग आज भी सरकारी खजाने में नहीं बल्कि अपनी मर्जी के खजाने में जमा करते हैं। देवता के पास हर साल आने वाले सोने-चांदी के अलावा नकदी को देवता कमेटी के लोग बैंक में जमा नहीं करते बल्कि ये करोड़ों रुपए देवता के गुर के घर में रखे जाते हैं, जहां पर सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। 
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नहीं तो जनहित याचिका होगी दायर
स्थानीय लोगों प्रेम सिंह, टेक सिंह, ललित कुमार व कोलू राम ने कहा कि कमरूनाग मंदिर में हो रही मनमानी की शिकायत सरकार व प्रशासन से की है। लोगों ने बताया कि अगर सरकार व प्रशासन इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है तो लोग एक जनहित याचिका दायर करने की भी रूपरेखा तय करेंगे। उपरोक्त लोगों ने कहा कि कमरूनाग देवता की चढ़ावा राशि को कमेटी के लोग अपनी मर्जी से खर्च कर लेते हैं, जिससे देवता का काफी धन बेकार में जा रहा है। इनका कहना है कि नोटबंदी के दौरान भी कमेटी के लोगों ने देवता के पैसों का दुरुपयोग किया है। जो भी पुराने नोट थे, उनका लाखों का सामान खरीद लिया और कुछ धन दूसरों के खातों में जमा किया गया।  


बैंक में पैसा रखने पर सूखा पड़ने का है भ्रम 
देवता कमेटी के रूढि़वादी लोग आज भी समाज में इसी धारणा को फैलाने में तुले रहते हैं कि देवता का पैसा बैंकों में नहीं रखा जाता और अगर ऐसा होता है तो इलाके में सूखा पड़ सकता है। देवता कमेटी के सूत्रों से पता चला है कि देवता के नाम पर जाछ बैंक में पिछले साल नोटबंदी के दौरान एक खाता खोला गया है परंतु उसमें भी सवा 2 लाख रुपए जमा करवाए गए हैं। कमेटी सूत्रों का कहना है आज भी देवता के कैश में कई ऐसे नोट हैं जोकि सड़ने की कगार पर हैं। अगर देवता का यह पैसा बैंक में जमा किया जाए तो हर साल ब्याज मिलेगा और ब्याज के पैसे से देव स्थल में श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकेंगी।  


पहले बनाई थी शातिरों ने चोरी करने की योजना
देवता की नकदी को उड़ाने के लिए 10-12 साल पहले कुछ शातिरों ने जहां पर देवता की संपत्ति व नकदी रखी थी, वहां पर आग लगाने की योजना को अंजाम दे दिया था परंतु गांव के लोगों को पता चलते ही इस कोशिश को नाकाम किया गया था। चोरों ने बिजली-पानी तक काट दिया था और मकान में आग लगा दी थी।


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