हिमाचल के सैकड़ों शिक्षकों की नौकरी पर गिरेगी गाज, जानिए क्यों

punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2017 - 07:39 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश मेेें डीएलएड की शर्त से सैकड़ों शिक्षकों के भविष्य पर खतरे की तलवार लटक गई है। दरअसल डीएलएड के लिए केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम योग्यता को सूबे के कई सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक पूरा नहीं कर पा रहे हैं। डीएलएड के लिए 12वीं में 50% अंक होना अनिवार्य है। खास बात यह है कि 30 नवंबर तक पंजीकरण नहीं करवाने वाले शिक्षक मार्च 2019 से स्कूलों में पढ़ा नहीं पाएंगे। 31 मार्च, 2019 के बाद सरकारी और निजी स्कूलों में डीएलएड किए बिना कोई भी शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं को नहीं पढ़ा सकेगा। केंद्र सरकार ने डीएलएड के प्रति शिक्षकों को जागरूक करने के लिए बीते कई माह से मुहिम चलाई है। प्राइमरी कक्षाएं पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजूकेशन (डीएलएड) करना अनिवार्य किया है

पंजीकरण करवाने का अाज आखिरी मौका
जानकारी के मुताबिक जिन्ह शिक्षकों ने अभी पंजीकरण नहीं करवाया उनके पास पंजीकरण करवाने का अाज आखिरी मौका है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश से 10072 अप्रशिक्षित शिक्षकों ने डीएलएड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाया है। डीएलएड के लिए स्कूल प्रिंसिपलों की वेरिफिकेशन जरूरी है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा मनमोहन शर्मा का कहना है कि डीएलएड के लिए 50 फीसदी के अंकों की शर्त पूरा न करने वाले शिक्षकों की प्रोविजन एडमिशन की जाएगी। शिक्षकों को मार्च 2019 से पहले अंक बढ़ाने का मौका दिया जाएगा। जो शिक्षक 2019 तक भी निर्धारित अंक प्राप्त नहीं कर पाएंगे, उनकी नौकरी पर संकट आएगा।
 


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