HPU का 25 करोड़ के घाटे का बजट पेश

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 12:16 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) का वित्त वर्ष 2017-18 का बजट भी घाटे का ही पारित होगा। सोमवार को हुई वित्त समिति की बैठक में अगले वित्त वर्ष का बजट पेश हुआ और इस दौरान घाटे के बजट पर मोहर लगी। सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 25 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश हुआ। अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बजट पर आगामी 23 मार्च को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ई.सी.) की बैठक में अंतिम मोहर लगेगी। सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के लिए विश्वविद्यालय की आय करीब 66 करोड़ रुपए अनुमानित है जबकि 100 करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश सरकार से वित्त वर्ष 2017-18 मेें प्राप्त होंगे। 


बजट को 90 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए करने की घोषणा
बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बजट में प्रदेश सरकार द्वारा की गई वृद्धि के बावजूद घाटा बढ़ा है। प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय के बजट को 90 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है। इस वृद्धि के बावजूद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का घाटा करीब 5 करोड़ रुपए तक बढ़ना अनुमानित है, ऐसे में अब घाटे से निपटने के लिए आने वाले समय में आय के साधन बढ़ाने होंगे। वित्त वर्ष 2016-17 के तहत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का वित्तीय घाटा करीब 20.36 करोड़ रुपए आंका गया था। उस समय विश्वविद्यालय के कई पद रिक्त चल रहे थे लेकिन इनमें से कई पदों को भर दिया गया है और अन्य रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वजह से भी वित्त वर्ष 2017-18 का घाटा बढ़ा है।


सरकार द्वारा एच.पी.यू. का बजट 100 करोड़ किए जाने पर जताया आभार
सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी की अध्यक्षता में वित्त समिति की बैठक हुई। बैठक में प्रधान सचिव वित्त श्रीकांत बाल्दी, प्रधान सचिव शिक्षा आर.डी. धीमान, रजिस्ट्रार डा. पंकज ललित व वित्त अधिकारी नरेंद्र ठाकुर आदि मौजूद थे। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वाजपेयी ने प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय का बजट 100 करोड़ किए जाने पर आभार भी जताया।


वर्तमान में मिल रहे बजट से वेतन पर आ रहा खर्च ही हो रहा पूरा: विपन
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विपन कुमार ने कहा कि घाटे का बजट वित्त समिति में पेश होने से यह सिद्ध हो गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के लिए दिया गया 100 करोड़ रुपए का बजट नाकाफी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों व गैर-शिक्षक कर्मचारियों के पदों को भरने के लिए पदों को विज्ञापित किया गया है और वर्तमान में मिल रहे बजट से विश्वविद्यालय के खर्च पूरे नहीं हो रहे हैं।


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