पवित्र झील परिसर में वाहनों की आवाजाही आस्था पर पड़ रही भारी

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2017 - 03:02 PM (IST)

रिवाल्सर: मंडी जिला की रिवाल्सर धर्म स्थली में हिंदुओं के प्राचीन मंदिर, बौद्धों के विभिन्न संप्रदायों के मठों के अलावा ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है, जहां नमन करने को देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु आते हैं जो अपनी तीर्थयात्रा के दौरान पवित्र झील की परिक्रमा सड़क पर पद यात्रा करना पुण्य मानते हैं। पावन झील परिसर में हिंदू धर्म के प्राचीन देवता लोमश कृषि, शिव मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर व राधा कृष्ण मंदिर विद्यमान हैं। वहीं बौद्ध धर्म के विभिन्न संप्रदाय के गुरूपदम संभव निड:मापा गोंपा, जिगर बौद्धिष्ठ गोंपा, डी.के. (ड्रीकुंग काग्युद) बौद्धमठ, बोधिचित मैडीटेशन एवं स्टडी सैंटर व समदो परी गोंपा होने के अलावा सिख धर्म को ऐतिहासिक गुरूद्वारा गुरू गोबिंद रिवाल्सर साहिब भी स्थित हैं। 


झील परिसर में आवाजाही की खुली छूट आस्था पर भारी
इसी झील किनारे सबको आकर्षित करने वाला चिड़ियाघार भी मौजूद है। यही कारण है कि पावन झील की परिक्रमा सड़क पर धर्म अनुयायियों की लगातार भीड़ रहती है। यहां आने श्रद्धालु मंदिरों, मठों व गुरुद्वारा में शीश नवाने के बाद पावन झील परिसर में आस्था की परिक्रमा लगाना नहीं भूलते। दु:खद बात है कि पावन झील परिसर में वाहनों की आवाजाही की खुली छूट आस्था पर निरंतर भारी पड़ रही है। एक वह भी जमाना रहा है कि जब बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले लोग झील की परिक्रमा सड़क पर दंडवंत परिक्रमा करते थे, लेकिन आज भी बौद्धधर्म के अनुयायियों में आस्था की परिक्रमा लगाने में कोई कमी नहीं आई है।  


क्या कहते हैं मंदिर व मठों के प्रतिनिधि
स्थानीय गुरू पदमसंभव निग्मापा गोंपा, ड्रीकुंग काग्युद बौद्ध गोंपा, जिगर बौद्धिष्ठ गोपा व श्री नैणा देवी बाबा धजाधारी मंदिर की प्रबंधन समितियों के अलावा डिवैल्पमैंट एक्शन ग्रुप, पंचायत दूसरा खाबू, रियूर सिध्याणी, बरस्वाण, बेरकोट,कठायाहूं के अलावा अनेकों महिला मंडल व युवक मंडलों के प्रतिनिधियों ने स्थानीय नगर पंचायत, जिला प्रशासन व सरकार से विशेष आग्रह किया है कि पावन तीर्थ स्थल रिवालसर की पवित्रता एवं गरिमा को बनाए रखने के लिए श्रद्धालुओं की आस्था प्रतीक झील परिक्रमा सड़क को सभी प्रकार के वाहनों से मुक्त करने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिससे यहां तीर्थाटन एवं पर्यटन का पर्याप्त विकास होगा।
 


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