हिमाचल विधानसभा चुनाव: रूठों को मनाने के लिए सिर्फ 8 दिन

punjabkesari.in Sunday, Oct 15, 2017 - 10:29 AM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): हिमाचल विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही कांग्रेस व भाजपा रूठों को मनाने में जुट गई हैं। दोनों ही पार्टियों को रूठों को मनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। चुनाव आयोग के निर्धारित समय के मुताबिक नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ वापसी के लिए केवल 8 दिन का समय मिलेगा। भाजपा ने टिकट घोषित करने के बाद यदि इन 8 दिनों में जो भी पार्टी रूठों को मनाने में सफल रहेगी, तस्वीर नामांकन प्रक्रिया के साथ ही साफ होगी। कांग्रेस 18 या 19 अक्तूबर को प्रत्याशी घोषित करेगी। यानि कांग्रेस के पास तो मात्र 4 या 5 दिन का समय बचेगा। 


विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा व कांग्रेस से टिकट के कई तलबगार
बता दें कि प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा व कांग्रेस से टिकट के कई तलबगार हैं। हालांकि नामांकन प्रक्रिया को भरने की अंतिम तिथि 23 अक्तूबर है। 24 अक्तूबर को चुनाव आयोग द्वारा नामांकन की छंटनी रखी गई है। शिमला जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें कांग्रेस पार्टी के 36 टिकटार्थियों के नाम सामने आ रहे हैं वहीं भाजपा के 20 लोगों की टिकट प्राप्त करने हेतु चर्चा है। ऊना जिला में 5 विस क्षेत्रों से कांग्रेस से सबसे ज्यादा 38 टिकटार्थियों ने अप्लाई किया हुआ है, जबकि भाजपा के 14 टिकटार्थी इस श्रेणी में रहे। बिलासपुर में कुल 4 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के 6 और 11 भाजपा की टिकट की दौड़ में शामिल रहे। हमीरपुर जिला के 5 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के 26 और भाजपा  के 8 टिकटार्थी लाइन में रहे। 


जानिए कितने टिकटार्थी अपना भाग्य आजमाने में लगे
सोलन में 5 विधानसभा क्षेत्रों में 20 कांग्रेस पार्टी के तो भाजपा के 15 टिकटार्थी अपना भाग्य आजमाने में लगे थे। सिरमौर जिला के 5 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी के 6 तो भाजपा के 5 टिकटार्थी के नाम चल रहे थे। जिला चम्बा के 5 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के 15 और भाजपा के 18, किन्नौर के एक विधानसभा क्षेत्र में दोनों पार्टियों के 11 टिकटार्थी, मंडी जिला के 10 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के 45 और भाजपा के 16 प्रत्याशी टिकट की जुगाड़ में रहे। यहां नाचन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के 16 टिकटार्थी लाइन में हैं। कुल्लू में 4 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस से 35 और भाजपा के 14 टिकटार्थी टिकट की दौड़ में रहे। लाहौल-स्पीति के एक विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस से 5 और भाजपा के 3 टिकट हेतु दौड़ में शामिल रहे। 


कांगड़ा पर फोकस
जिला कांगड़ा किसी भी पार्टी की सरकार की नींव रखता है। कांगड़ा में अपने टिकटार्थियों में सामंजस्य बिठाने में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। कांगड़ा में कांग्रेस के 57 टिकटार्थी तो भाजपा के 67 टिकटार्थियों के नाम चर्चा में चल रहे हैं। विधानसभा चुनावों में जिला कांगड़ा की हमेशा ही अहम भूमिका रही है। 2012 के चुनाव पर नजर डालें तो भाजपा मिशन रिपीट को फेल करने में कांगड़ा की अहम भूमिका रही है और यहां कांग्रेस ने 15 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की थी और भाजपा मात्र 3 सीटों पर सिमट कर रह गई। 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।


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