GST के लागू होने से व्यापारियों में हलचल, अब 30 जून के बाद का स्टॉक होगा ऑनरोल

punjabkesari.in Tuesday, Jun 20, 2017 - 03:48 PM (IST)

हमीरपुर: हमीरपुर: जी.एस.टी. 1 जुलाई से लागू होने से लगभग देशभर के व्यापारियों में हलचल है जिसके चलते किसी की सप्लाई में कमी आ रही है तो कोई और माल उठाने से डर रहा है। जगह-जगह जी.एस.टी. के प्रति व्यापारियों को जागरूक करने और इससे जुड़ी परेशानियों को हल करने के लिए सैमीनार लगाए जा रहे हैं। एक बात तो है कि जब भी कोई नई नीति सरकार द्वारा बनाई जाती है परेशानी सबको होती है। इस बार भी व्यापारी इसके लागू होने से असमंजस में हैं कि क्या करें और क्या न करें। इसी को लेकर सोमवार को आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा पहली जुलाई से शुरू होने जा रही नई कर व्यवस्था गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स बारे जिला के व्यापारियों को जागरूक करने के लिए हमीरपुर बचत भवन में एक सैमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें जी.एस.टी. से जुड़े विभिन्न मुद्दों और शंकाओं की व्यापारियों को जानकारी प्रदान की गई। 


व्यापारियों की शंकाओं पर डाला प्रकाश
सैमीनार में बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारियों ने भाग लिया। इस संबंध में जानकारी देने के लिए केंद्रीय आबकारी विभाग से अधीक्षक आशीष शर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर सहायक आबकारी व कराधान आयुक्त कुलभूषण गौतम ने भी जी.एस.टी. के बारे में व्यापारियों को जानकारी दी, जिसमें बताया कि 1 जुलाई से जी.एस.टी. लागू होने वाला है तथा व्यापारियों को 30 जून के बाद रखे स्टॉक को ऑनरोल करवाना होगा जबकि उनकी जी.एस.टी. से संबंधित परेशानियों और प्रश्नों पर एक्साइज कर्मचारियों ने प्रकाश डाला। इस मौके पर वक्ताओं ने इस सैमीनार में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की तथा व्यापारियों के प्रश्नों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर जी.एस.टी. लागू होने से आने वाली परेशानियों से भी व्यापारियों को अवगत करवाया। व्यापारी वर्ग ने कहा कि व्यापार मंडल और टैक्स पेशेवर पुराने स्टॉक के इनपुट टैक्स क्रैडिट के विषय में अभी तक असमंजस में हैं। टैक्स स्लैब के बारे में स्पष्ट नहीं है जिससे कच्चे माल के व्यापारी असमंजस में हैं। अभी तक कई व्यापारियों को टिन नंबर और आई.डी. पासवर्ड उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। 15 जून से व्यापारियों की साइट्स बंद हैं तथा व्यापारी 25 जून से दोबारा एनरोलमैंट कर सकता है। 


10 लाख की खरीददारी पैन कार्ड से कर सकता है व्यापारी
इस मौके पर आबकारी एवं कराधान अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी अब 10 लाख रुपए तक का माल टिन नंबर न होने पर अपने पैन कार्ड नंबर से भी ला सकता है। व्यापारी को 50 लाख रुपए के माल के टैक्स का भुगतान क्वार्टरली करना होगा। जी.एस.टी. के साथ फिक्स्ड डिपोजिट रिसिप्ट की औपचारिकता भी खत्म हो जाएगी। टिन नंबर के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। जी.एस.टी. लागू होने से टिन नंबर के लिए सिक्योरिटी से संबंधित औपचारिकताएं समाप्त हो जाएंगी तथा 3 दिन के अंदर टिन नंबर की कॉपी ऑनलाइन मिल जाएगी। अब व्यापारी को बार-बार एक्साइज विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।


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