फुटबॉलर फिजा के खेल पर हर कोई फिदा, लड़कों के छुड़ा देती है छक्के

punjabkesari.in Wednesday, Feb 07, 2018 - 12:31 PM (IST)

मंडी: खेल और खिलाड़ी का ना कोई महजब होता है, ना इसमें कोई लिंग भेद ही मान्य है। खिलाड़ी में तो बस हुनर होना चाहिए। अगर ये बात पूर्ण रूप से लागू हो तभी असली प्रतिभाएं सामने आती हैं। ऐसी ही सभी बातें मंडी जिला की 18 वर्षीय खिलाड़ी फिजा पर पूरी तरह से फिट बैठती है। वह लड़कों की टीम के बीच जब फुटबाल खेलती नजर आती है तो सब चौंक जाते हैं। भले ही तकनीकी तौर पर अभी फुटबाल या हॉकी में महिला पुरुष एक टीम में एक साथ नहीं खेलते, मगर अपनी नई पहचान कायम रखने के लिए फिजा प्रदर्शनी व अभ्यास मैचों में लड़कों की टीम के साथ फुटबाल खेलती नजर आती है। 


मंडी कॉलेज में प्रथम वर्ष की यह छात्रा फिजा 2 बार नैशनल प्रतियोगिता में खेल चुकी है। पिछले साल ओपन टूर्नामैंट जो जम्मू के कटड़ा में हुआ उसमें हिमाचल की टीम व हाल ही में उसने ओड़ीसा के कटक में हिमाचल प्रदेश फुटबाल एसोसिएशन की ओर आयोजित प्रतियोगिता में भाग लिया है। हालांकि मंडी जैसे क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोग काफी कम हैं मगर फिजा को इस बात का जरा सा भी संकोच नहीं होता कि वह इस समुदाय से होकर भी कभी लड़कों की टीम के साथ प्रदर्शनी मैच में दमखम दिखाती नजर आती है। उसका कहना है कि साल में फुटबाल की तो एक 2 ही प्रतियोगिताएं ही होती हैं, ऐसे में वह फिट रहने के लिए हॉकी भी खेलती है। उसका लक्ष्य है कि वह इसमें राष्ट्रीय खिलाड़ी बन कर दिखाएगी। 


राष्ट्रीय कोच के पद पर पहुंचने का उसका सपना है। उसके पिता कार पैंटर का काम करते हैं व उसकी 3 बहनें व एक भाई है। खेल के लिए पूरे परिवार से पूरा समर्थन उसे मिलता है। फिजा के कोच विक्रम सिंह व पूर्व खिलाड़ी जगदीश राजा का मानना है कि जो दमखम उसमें है उसे देखकर दावे से कहा जा सकता है कि यह खिलाड़ी भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाएगी। उसका प्रशासन व खेल संगठनों से आग्रह है कि पड्डल जैसे मैदान को अधिक से अधिक खेलों के लिए प्रयोग किया जाए ताकि यहां से अच्छे से अच्छे खिलाड़ी आगे आ सकें। महिला फुटबाल को भी पूरा बढ़ावा दिया जाए तथा पूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
 


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