मंडयाली धाम सिर्फ स्वाद नहीं सेहत का खजाना भी, पेटेंट कराने की तैयारी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2017 - 03:53 PM (IST)

मंडी:हर आयोजन में परोसी जाने वाली मंडी की फेमस मंडयाली धाम को नया मुकाम मिल गया है। मिली जानकारी के अनुसार इसे सेहत के लिए रामबाण बताया गया है। साथ ही साथ ये भी खुलासा हुआ है कि क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान ने शोध में मंडयाली धाम को आयुर्वेदिक आहार बताया है। सेहत के लिए इसे गुणों की खान माना गया है। सबसे पहले बूंदी मीठा फिर सेपू बड़ी और झोल फूड वैल्यू बढ़ा देता है। शोध के बाद संस्थान अब धाम को पेटेंट करवाने के लिए आवेदन करेगा। सहायक निदेशक एवं अनुसंधान अधिकारी डॉ. ओम शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। डॉ. ओम शर्मा ने बताया कि अब मंडयाली धाम को पेटेंट करवाने के लिए आवेदन किया जा रहा है।

जानिए, मंडयाली धाम परोसने का अनोखा तरीका
मंडयाली धाम अपने आप में एक अनूठा आहार है। इसे परोसने का तरीका भी अनोखा है। इसे हरी पत्तलों पर परोसा जाता है। खास बात ये है कि इसे हिमाचल के लोग चम्मच से नहीं, बल्कि हाथ से खाते हैं। उनका कहना है कि हाथ से धाम खाने का जो लाभ शरीर को मिलता है, वह प्लास्टिक से बनी प्लेटों और चम्मच से खाने से नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि शोध पत्र जनरल इंटरनेशनल जनरल ऑफ एडवांस रिसर्च के फरवरी अंक में प्रकाशित हो गया है। 

धाम में परोसा जाता है पहले बूंदी मीठा
मंडयाली धाम में सबसे पहले बूंदी मीठा परोसा जाता है। इसे लोकल बोली में बदाणा कहा जाता है। उसके बाद सेपू बड़ी, कद्दू खट्टा, कोल का खट्टा, दाल और झोल परोसा जाता है। इसे टौर के हरे पत्ते से बनी पत्तलों पर परोसा जाता है जिससे इसकी फूड वैल्यू और बढ़ जाती है।  
 


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