Watch Video : मैडीकल कालेज में चहेते डाक्टरों का बोलबाला, रिलीव के बाद भी नहीं छूटा कुर्सी का मोह

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 09:12 PM (IST)

नाहन: यूं तो डा. वाई.एस. परमार मैडीकल कालेज शुरू होने के साथ से ही प्रबंधन के नाम पर खामियों के चलते विवादों में रहा है तो वहीं सरकार के बड़े अधिकारी भी आचार सहिंता का बहाना बनाकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, ऐसे में मैडीकल कालेज प्रबंधन को कोई पूछने वाला नहीं है लेकिन पिछले डेढ़ साल की बात करें तो मैडीकल कालेज प्रबंधन के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार कालेज प्रशासन में चहेते डाक्टरों का बोलबाला है। हाल ही में बायोकैमिस्ट्री विभाग में तैनात एक सीनियर रैजीडैंट डाक्टर को नवम्बर माह में तबादले के बाद रिलीव किया गया लेकिन यह अभी भी मैडीकल कालेज कार्यालय में जमे हुए हैं। इसकी बकायदा वीडियो क्लिप भी जारी की गई है। रिलीव होने के बाद किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को नियम यह इजाजत नहीं देता कि वे कार्यालय में जमे रहें और फाइलों आदि में दखल दें। वर्तमान में मैडीकल कालेज में ऑडिट चल रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में भी लाया जा चुका है मामला
कुछ महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह जब गवर्निंग बॉडी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे तब भी चहेते डाक्टरों के मामले की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को दी गई थी। सूत्रों के अनुसार चहेते डाक्टरों को मैडीकल कालेज प्रबंधन में अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं और कई सीनियर डाक्टरों को नजरअंदाज किया गया है। अनुबंध पर तैनात कई डाक्टरों को भी प्रबंधन में शामिल किया गया है। 

17 नवम्बर को तबादले के बाद कर दिया था रिलीव 
मैडीकल कालेज नाहन के प्रधानाचार्य डा. जयश्री ने बताया कि बायोकैमिस्ट्री विभाग के सीनियर रैजीडैंट डाक्टर को 17 नवम्बर को तबादले के बाद रिलीव कर दिया था। उन्होंने शिमला में ज्वाइनिंग भी दे दी है। फिलहाल वे छुट्टी पर हैं। उनका परिवार नाहन में रहता है। कोई काम नहीं कर रहे हैं। हो सकता है चार्ज दे रहे हों। 

क्या कहते हैं स्वास्थ मंत्री
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि यह गंभीर मामला है जोकि मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है। मैडीकल कालेज की प्रिंसीपल से रिपोर्ट तलब करेंगे। 


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