धूमल बोले- यू.पी.ए. सरकार ने जब हिमाचल के हक छीने तो कांग्रेसी कहां थे

punjabkesari.in Tuesday, Oct 10, 2017 - 09:07 AM (IST)

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एक बयान में कहा कि मीडिया में मुख्यमंत्री और कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी तर्कहीन और तथ्यहीन तो होती ही है परंतु कई बार हास्यास्पद भी बन जाती है। उनका यह कहना कि एम्स मिलना हिमाचल का हक था तो क्या उस एम्स निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार का दायित्व नहीं था? उन्होंने कहा कि केंद्र की परियोजनाएं जब-जब मिलती हैं तो उनके लिए भूमि उपलब्ध करवाने का दायित्व संबंधित प्रदेश सरकार का ही होता है। 


केंद्रीय प्रोजैक्ट्स के लिए प्रदेश भाजपा सरकार ने भूमि उपलब्ध करवाई
2008 में जब कांगड़ा में केंद्र की तत्कालीन यू.पी.ए. सरकार ने एन.आई.एफ.टी. देने का प्रस्ताव रखा तो तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार ने न केवल उन्हें भूमि उपलब्ध करवाई, भवन उपलब्ध करवाया बल्कि अन्य भवन निर्माण के लिए यू.पी.ए. सरकार की शर्तों के मुताबिक 58 करोड़ रुपए भी दिए थे। धूमल ने कहा कि इसी प्रकार से मैडीकल कालेज नेरचौक जिला मंडी के लिए आई.आई.टी. व धर्मशाला के लिए फूड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट जैसे अनेक केंद्रीय प्रोजैक्ट्स के लिए प्रदेश भाजपा सरकार ने भूमि उपलब्ध करवाई और उनका निर्माण करवाया। 


जब औद्योगिक पैकेज छीना तब हक का ज्ञान नहीं था
धूमल ने कांग्रेसी नेताओं को कहा कि 2003 से 2013 तक विशेष औद्योगिक पैकेज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार ने दिया था। उसका कम से कम 2013 तक चालू रहना हिमाचल का हक था, उस हक को जब केंद्र में कांग्रेस की यू.पी.ए. सरकार ने छीना तो केंद्र में हिमाचल से 2 कैबिनेट मंत्री वीरभद्र व आनंद शर्मा थे, तब क्या उन्हें हिमाचल के हक का ज्ञान नहीं था? तब इस हक के लिए उन्होंने क्या लड़ाई लड़ी थी? प्रो. धूमल ने स्मरण दिलाया कि हिमाचल का विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा भी केंद्र की कांग्रेस सरकार ने छीन लिया था, तब हमारे कांग्रेसी मित्र क्या कर रहे थे? अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने फिर से हिमाचल को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा हमारे आग्रह पर दिया है, हम उनके धन्यवादी हैं। धूमल ने कांग्रेसी नेताओं से पूछा कि जब केंद्र की कांग्रेस सरकार हमारा मिला हुआ हक छीन ले तो इनकी खामोशी प्रदेश हित में होती है और जब केंद्र की भाजपा सरकार एम्स, आई.आई.एम., आई.आई.आई.टी., क्राफ्ट इंस्टीच्यूट, 66 नैशनल हाईवे, 3 फोरलेन व भूतपूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पैंशन और 14वें वित्तायोग में देश में सर्वाधिक 234 प्रतिशत वृद्धि दे तो इन लोगों की खामोशी या यह कहना कि यह हमारा हक था, हास्यास्पद लगता है।


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