स्कूल में बच्चों से जातिगत भेदभाव मामले का DC ने लिया संज्ञान, मैजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश

punjabkesari.in Monday, Feb 19, 2018 - 01:06 AM (IST)

कुल्लू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिक्षा संवाद कार्यक्रम टैलीविजन पर दिखाने के लिए एक जाति विशेष के बच्चों को अस्तबल में बैठाए जाने के मामले में कुल्लू के डी.सी. यूनुस ने मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। कुल्लू के एस.डी.एम. डा. अमित गुलेरिया मामले की जांच करेंगे। इसके अलावा शिक्षा उपनिदेशक उच्च शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा, डी.पी.ओ. आई.सी.डी.एस. व थाना प्रभारी सहित अन्य अफसर जांच टीम में शामिल रहेंगे। मैजिस्ट्रेट जांच में हालांकि अधिक समय लगता है लेकिन डी.सी. कुल्लू यूनुस ने 2 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। क्रिमिनल ऑफैंस सामने आने पर कार्रवाई के लिए थाना प्रभारी जांच टीम में शामिल किए गए हैं। जिस व्यक्ति पर स्कूल का उत्तरदायित्व है उस अधिकारी पर तत्काल एक्शन लेने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जांच के निचोड़ के बाद डिसिप्लिनरी एक्शन के साथ क्रिमिनल एक्शन लिया जाएगा। सोमवार को जांच टीम स्कूल में पहुंचकर स्कूली बच्चों और स्कूल स्टाफ सहित स्कूल मुखिया से पूछताछ करेगी। 

दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
डी.सी. कुल्लू यूनुस ने कहा कि जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पूरे प्रकरण से संबंधित गुमनाम शिकायत पत्र और वायरल वीडियो डी.सी. कुल्लू के पास पहुंच गया है। इसी के साथ कुल्लू के डी.सी. यूनुस ने जिला के सभी स्कूलों व कालेजों सहित तमाम निजी व सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को कड़े आदेश जारी किए हैं कि मिड-डे मील व प्रात:कालीन सभा सहित कक्षाओं में सोशल एथिक्स वाले चैप्टर को पढ़ाया जाए और इस तरह के इश्यूज नहीं होने चाहिए। अधिकारियों को भी इन आदेशों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करवाने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे मामलों में जो भी उत्तरदायी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

स्कूल प्रशासन में मचा हड़कंप
उधर, इस शर्मनाक प्रकरण से स्कूल प्रशासन जांच के घेरे में आने से स्कूल स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ है। कई अपनी खाल बचाने के लिए जुगाड़ में लगे हुए हैं। पूरे प्रकरण ने सबको हिलाकर रख दिया है और शैक्षणिक संस्थान में बच्चों से हुए ऐसे व्यवहार के बाद बच्चे सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ बच्चों ने इस स्कूल में न पढऩे का भी मन बना लिया है और परिजनों पर किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए बच्चे दबाव बना रहे हैं, ऐसे में परिजन भी बच्चों को वाॢषक परीक्षा निपटने के बाद किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलाने की बात कह रहे हैं। लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा पाने, भेदभाव मिटाने, सामाजिक बुराइयों से दूरी बनाने और सभ्य नागरिक बनाने के लिए पढ़ाते हैं। लोगों का कहना है कि जिस शिक्षा व्यवस्था में बच्चों से जातिगत भेदभाव हो रहा हो, वहां बच्चों के सुखद भविष्य पर संकट के बादल मंडराने का भी खतरा बना हुआ है।

कई समाजसेवी संस्थाओं ने बुलंद की आवाज
बच्चों से हुए जातिगत भेदभाव मामले में कई समाजसेवी संस्थाओं ने भी आवाज बुलंद करते हुए स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अनुसूचित जाति कल्याण संघ ने भी मामले पर आपातकालीन बैठक कर रणनीति बनाई है। संघ के अध्यक्ष दिले राम ने मामले की कड़ी ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था में बच्चों से ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं होगा। संघ इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग लेकर ऊपर तक जाएगा और दोषी लोगों को सजा दिलाकर रहेगा। उधर, जल-जंगल-जमीन एन.जी.ओ. ने भी मामले में कहा है कि बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार सही नहीं है। बच्चे जिस प्रकार सदमे में हैं इससे बच्चों के मन में यह बात घर कर गई है कि आखिर ऐसा क्यों है। वाॢषक परीक्षाओं के ऐन मौके पर हुई इस घटना से बच्चों की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है। 


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