CM के राज में गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधा बनी एक सपने जैसी, जानिए वजह

punjabkesari.in Saturday, Feb 24, 2018 - 10:50 AM (IST)

कुल्लू : स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धियों का झंडा गाडऩे का दावा करने वाली जयराम सरकार के राज में गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा सपने जैसी बन गई है। हालात ये हैं कि अब सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के लिए गरीबों को भी पैसे चुकाने होंगे। 3 जिलों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने वाला क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू विशेषज्ञों की कमी झेल रहा है। कुछ माह पूर्व से क्षेत्रीय अस्पताल में आने वाले कई डिलीवरी के मामले मंडी व अन्य स्थानों को रैफर हो रहे थे लेकिन अब डिलीवरी तो क्षेत्रीय अस्पताल में ही होगी लेकिन राहत कुछ खास नहीं।

अस्पताल निजी अस्पतालों के डाक्टरों को बुला रहा
गर्भवती महिलाओं सहित उनके परिजनों के हालात ऐसे हो गए हैं जैसे आसमान से गिरा व खजूर पर अटका। दरअसल स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने के कारण जब मामला रैफर किया जाता था उस समय भी परिजनों को वाहन सहित अन्य खर्च उठाना पड़ता था लेकिन अब डिलीवरी तो क्षेत्रीय अस्पताल में होगी परंतु उसके पैसे चुकाने होंगे। क्षेत्रीय अस्पताल प्रशासन ने जो रेट तय किए हैं उनमें डिलीवरी के बाद सिजेरियन पर 3,000 व गंभीर केस पर 1,500 रुपए देने होंगे। डिलीवरी करवाने के लिए अस्पताल निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को बुला रहा है।

क्षेत्रीय अस्पताल सफेद हाथी बनकर रह गया
इस प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया गया है। क्षेत्रीय अस्पताल में दाखिल गर्भवती महिलाओं की जांच तो अस्पताल में तैनात अन्य डॉक्टरों द्वारा बाकायदा हो रही है लेकिन डिलीवरी करवाने के लिए बाहर से आने वाले डॉक्टरों का रास्ता देखना पड़ रहा है, ऐसे में करोड़ों की लागत से बना क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू सफेद हाथी बनकर रह गया है। कुल्लू सहित मनाली, बंजार, सैंज, मणिकर्ण व अन्य क्षेत्रों के लोगों द्वारा लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने की मांग की जा रही है लेकिन विभाग इस ओर कछुआ चाल से चला हुआ है। 


 


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