BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिया गुड़िया केस पर बड़ा बयान

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 04:35 PM (IST)

शिमला:हिमाचल प्रदेश के शिमला में डॉ संबित पात्रा ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कस्टोडियल डैथ मामले में 8 पुलिस कर्मचारी गिरफ्तार हुए हैं। जिन पर रक्षा की जिम्मेदारी थी, जो भक्षक बन गए और सच को छिपाने के लिए अारोपी गिरफ्तार हुए हैं। पात्रा के मुताबिक, जिस प्रदेश का आईजी स्तर का अधिकारी सच छिपाता है, यह कोई साधारण बात नहीं है। बड़े षड्यंत्र को छिपाने का प्रयास हो रहा है। सीएम की फेसबुक आईडी से पहले कुछ फोटो अपलोड होती है जो 45 मिनट बाद हटाई जाती हैं। आज गुड़िया की रूह कांग्रेस सरकार से हिसाब मांग रही है। गुड़िया प्ररकरण, भ्रष्टाचार, सीएम वीरभद्र सिंह की सेब की आय, वन माफिया, खनन माफिया, शराब माफिया ड्रग्स माफिया आदि मामले उठाकर सीएम वीरभद्र सिंह से इनका जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल को इन माफियाओं से बचाना है और इसका खोया हुआ गौरव लौटाना है।

सेब से आय को लेकर सवाल उठाए 
उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करते हुए कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में वीरभद्र से पहले स्टील मंत्रालय छिना गया था जिसके बाद ही एमएसई मंत्रालय सौंपा और फिर हिमाचल भेज दिया और दिसंबर 2012 में वीरभद्र सिंह सीएम बने थे, जो व्यक्ति यूपीए सरकार में भ्रष्टाचार का दोषी था और वहां उनसे मंत्रालय छिने गए, वे हिमाचल में कैसे साफ हो गए। यहां पर भी कहीं कोई डायरी तो नहीं बन रही। डॉ. पात्रा ने वीरभद्र सिंह की सेब से आय को लेकर सवाल उठाए है कि आज बेरोजगार पूछते हैं कि वह कौन सा पेड़ है, जहां सोने का सेब लगता है। उन्होंने कहा कि एलआईसी एजेंट आंनद चौहान से एलआईसी करवाई गई और वह आज जेल में है और वीरभद्र सिंह जेल के बाहर बेल पर हैं। उन्होंने कहा कि सेब को ढोने का खेल तो ऐसा है जैसा बिहार के लालू प्रसाद यादव का चारा घोटाले का था।

पात्रा ने लगाया अारोप
पात्रा ने वक्कामुल्ला चंद्रशेखर का जिक्र करते हुए कड़ा आरोप लगाया कि सीए के परिवार के नाम दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में फ्लैट खरीदा है। खास बात यह है कि एक फलैट खरीदने के बाद उन्होंने महरोली में भी करोड़ों रुपए का फार्म हाउस लिया गया है। पात्रा ने कहा लालू यादव का भी महरोली में फार्म हाउस है। वक्का मुल्ला चंद्रशेखर के पावर प्रोजेक्ट देने के एवज में यह सब हुआ है। वहीं दूसरी अोर पात्रा ने उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक तिलक राज की घूसखोरी के पैसों के साथ पकड़े जाने के मामले को भी उठाया और कहा कि अब बात सामने आ रही है कि यह पैसा वीरभद्रअपनी आबरू बचाने के लिए एकत्र कर रहे थे। उन्हें इसका हिसाब देना चाहिए। बताया जा रहा कि चार वर्ष में 24 हजार करोड़ रूपए का खनन में भी घुटाला हुआ है। कई जिलों में यह खेल खुलकर चला है। जनता इसका हिसाब मांगेगी और विधानसभा चुनाव में जनता के समक्ष इसका जवाब देना होगा।


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